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*डीकार्बोनाइजेशन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गंभीर चर्चा सत्रों के साथ इंडियन स्टील कॉन्फ्रेंस सफल आयोजन सम्पन्न*

by Aditya Kumar

डीकार्बोनाइजेशन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गंभीर चर्चा सत्रों के साथ इंडियन स्टील कॉन्फ्रेंस सफल आयोजन सम्पन्न

‘डीकार्बोनाइजेशन और बुनियादी ढांचे के विकास का महत्व और भूमिका’ विषय पर आयोजित सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की इस्पात नगरी भिलाई में, दो दिवसीय “भारतीय इस्पात सम्मेलन” (इंडियन स्टील कॉन्फ्रेंस) के दूसरे दिन 30 अगस्त 2024 को महात्मा गाँधी कला मंदिर में इसका समापन, निदेशक प्रभारी (सेल-बीएसपी) श्री अनिर्बान दासगुप्ता तथा कुलपति (सीएसवीटीयू, भिलाई) डॉ एम के वर्मा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
सम्पन समारोह के अवसर पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार, कार्यपालक निदेशक (माइंस) श्री बी के गिरी तथा कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (रावघाट) श्री अरुण कुमार सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आये सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के लौह और इस्पात उत्पादक कंपनी, इस्पात निर्माण से संबंधित अनुसंधान और प्रौद्योगिकी संस्थानों के टेक्नोक्रेट, विशेषज्ञ और प्रतिनिधिगण भी मौजूद थे।

30 अगस्त को भारतीय इस्पात सम्मेलन के छठे और सातवे सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागी कंपनियों और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने तकनीकी पेपर प्रस्तुत किया। भारतीय इस्पात सम्मेलन का समापन, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स, सेल-बीएसपी) और आईआईएम भिलाई चैप्टर के अध्यक्ष श्री अंजनी कुमार के सम्बोधन के साथ हुआ। श्री अंजनी कुमार ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में नेट जीरो कार्बन के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु इस सम्मेलन की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए, भारत में डी-कार्बोनाइजेशन की वर्तमान स्थिति टेक्नोलॉजी के साथ कार्बन फूटप्रिंट को कम करने, ग्रीन प्रैक्टिस, ग्रीन एनर्जी, ग्रीन स्टील, सस्टेनेबल एनर्जी और समाधान पर जोर दिया।
कुलपति (सीएसवीटीयू, भिलाई) डॉ एम के वर्मा ने इस सम्मेलन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए स्टील इंडस्ट्री के विकास में टेक्नोलॉजी और एआई की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए टेक्नोलॉजी के विकास, डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, अनालाइजिंग पर अपने विचार साझा किये। इसके बाद निदेशक प्रभारी (सेल-बीएसपी) श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने, कुलपति (सीएसवीटीयू, भिलाई) डॉ एम के वर्मा तथा कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के अंत में भारतीय इस्पात सम्मेलन के संयोजक श्री एस मजूमदार द्वारा कन्क्लुडिंग रिमार्क दिया गया। उन्होंने सभी प्रतिभागियो के तकनीकी पेपर की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय इस्पात सम्मेलन के सभी आयोजकों को इस सम्मेलन में आये टेक्नीकल अकादमी से सम्पर्क में रहना चाहिए। मेटलर्जी के विद्यार्थियों के ज्ञान और अनुभव को स्टील इडस्ट्री के तकनीकी क्षेत्र में हो रहे नए रिसर्च को स्टील उत्पादन और डीकार्बोनाइजेशन के आगामी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उपयोग करना चाहिए। तकनीकी सत्रों और समापन समारोह कार्यक्रम का संचालन उप प्रबंधक (एचआर-एलएंडडी) सुश्री सुष्मिता पाटला द्वारा किया गया।
छठे सत्र में बोकारो स्टील प्लांट के श्री नितेश रंजन द्वारा ‘संसाधन दक्षता और टेक्नोलॉजीकल इंटरवेंशन के माध्यम से लौह और इस्पात में GHG में कमी’ विषय पर तथा सीईटी-रांची के श्री राजीब बैनर्जी द्वारा ‘प्रक्रिया दक्षता के माध्यम से सेल में CO2 में कमी’ विषय पर तकनीकी पेपर प्रस्तुत किया गया। भिलाई इस्पात संयंत्र के श्री संजीव वर्गीस द्वारा ‘सिंटर प्लांट में डीकार्बोनाइजेशन पहल’ विषय पर तथा आरडीसीआईएस – बोकारो सब सेंटर के श्री अभिजीत दास द्वारा ‘सर्फेक्टेंट-एन्हांस्ड क्वेंचिंग वाटर के साथ कोक नमी कम करने की रणनीति’ विषय पर तकनीकी पेपर प्रस्तुत किया गया। एनआईटी-रायपुर से सुश्री हूमा अफरीन ने ‘कंक्रीट उत्पादन में आंशिक प्रतिस्थापन के रूप में स्टील स्लैग का उपयोग: एक समीक्षा’ विषय पर तथा सीईटी-रांची से श्री सोमराज चक्रवर्ती ने ‘इस्पात उद्योग में हाइड्रोजन का उपयोग: इस्पात उद्योग से कार्बन उत्सर्जन को कम करने का रोडमैप’ विषय पर तकनीकी पेपर प्रस्तुत किये। सत्र अध्यक्ष, पूर्व सीईओ (सेल-बीएसपी) श्री वी के अरोरा और प्रतिवेदक सीजीएम इंचार्ज (एम एंड यू, बीएसपी-सेल) श्री असित साहा के द्वारा सारांश प्रस्तुत किया गया।
सातवे और अंतिम सत्र में वीपी एपीएल (अपोलो बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड) श्री अशोक कुमार विश्वकर्मा द्वारा ‘सस्टेनेबल कलर कोटेड उत्पादों की दिशा में दृढ़ कदम’ विषय पर तथा भिलाई इस्पात संयंत्र से श्री संदीप साहू द्वारा ‘डीकार्बोनाइजिंग सेल द वे फारवर्ड’ विषय पर तकनीकी पेपर प्रस्तुत किया। आरडीसीआईएस, भिलाई से श्री रवि प्रताप सिंह ‘रेल में रेसीडुअल स्ट्रेस का परिचय, संभावित कारण और तकनीकों में कमी’ विषय पर और टाटा स्टील से डॉ. शुभंकर दास बख्शी ने ‘सुपीरियर लो टेम्परेचर इम्पैक्ट टफनेस के साथ एल एंड ई और संरचनात्मक अनुप्रयोग के लिए वाईएस 700 एचएसएलए स्टील का डिजाइन और विकास’ विषय पर तकनीकी पेपर प्रस्तुत किया। आईआईटी-भिलाई से श्री याग्नेश षडंगी ने “मैकेनिकल अलॉयिंग और स्पार्क प्लाज्मा सिंटरिंग द्वारा तैयार हाई एन्ट्रॉपी स्टील्स” विषय पर तथा “एनटीपीसी की कार्बन कैप्चर उपयोग और भंडारण (सीसीयूएस) के माध्यम से डीकार्बोनाइजेशन पहल” विषय पर श्री अंकित गुप्ता द्वारा तकनीकी पेपर प्रस्तुत किये गए। इसका सारांश सत्र के अध्यक्ष पूर्व सीईओ (आरएसपी-सेल) श्री जी एस प्रसाद और प्रतिवेदक सीजीएम इंचार्ज (सेवाएं, बीएसपी-सेल) श्री पीके सरकार के द्वारा प्रस्तुत किया गया।

उल्लेखनीय है कि आयरन एंड स्टील रिव्यूव मैग्ज़ीन-कोलकाता द्वारा, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेटल्स (आईआईएम) भिलाई चैप्टर, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भिलाई लोकल सेंटर एवं सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के संयुक्त तत्वाधान में 29 एवं 30 अगस्त 2024 को “भारतीय इस्पात सम्मेलन (इंडियन स्टील कॉन्फ्रेंस): डीकार्बोनाइजेशन और आधारभूत संरचना के विकास का महत्व और भूमिका” नामक एक राष्ट्रीय इस्पात सम्मेलन आयोजित की गई थी।

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