Home » *बीएसपी द्वारा महिलाओं के लिए आयोजित वाहन चालन प्रशिक्षण के दूसरे बैच का शुभारंभ, 16 महिलायें होंगीं लाभान्वित*

*बीएसपी द्वारा महिलाओं के लिए आयोजित वाहन चालन प्रशिक्षण के दूसरे बैच का शुभारंभ, 16 महिलायें होंगीं लाभान्वित*

by Aditya Kumar

बीएसपी द्वारा महिलाओं के लिए आयोजित वाहन चालन प्रशिक्षण के दूसरे बैच का शुभारंभ, 16 महिलायें होंगीं लाभान्वित

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग (सीएसआर) द्वारा, ड्राइविंग और ट्रैफिक रिसर्च संस्थान, प्रशिक्षण केंद्र, नवा रायपुर (आईडीटीआर) के सहयोग से भिलाई और आसपास के क्षेत्रों की कुल 50 महिलाओं को अलग अलग बैचों में 1 महीने के लिए, निःशुल्क लाइट मोटर वाहन ड्राइविंग प्रशिक्षण प्रदान किये जाने की योजना का क्रियान्वन शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में कौशल विकास योजना के अंतर्गत दिए जा रहे इस प्रशिक्षण के दूसरे बैच का उद्घाटन कार्यक्रम, 11 सितम्बर 2024 को सीएसआर विभाग के सेक्टर 5 ऑफिस में, डीआईजी (सीआईएसएफ) सुश्री प्रतिभा अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।

इस ड्राइविंग प्रशिक्षण के दूसरे बैच के लिए सीएसआर परिधि के अंतर्गत आने वाले स्टोरपारा की कुल 16 महिलाओं का चयन किया गया है। 20 मई 2024 को आयोजित इसके पहले बैच में भी 16 महिलाओं का चयन किया गया था। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है, ताकि उन्हें उपयुक्त रोजगार के अवसर मिल सकें। उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण के पूर्व बीएसपी के सीएसआर विभाग ने महिलाओं का साक्षात्कार किया जिसके आधार पर लाभार्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के साथ, कमांडेंट (सीआईएसएफ) श्री अभिजीत, डिप्टी कमांडेंट (सीआईएसएफ) श्री तनवीर अहमद, असिस्टेंट कमांडेंट (सीआईएसएफ) श्री मनोज कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (टीएसडी एवं सीएसआर) श्री उत्पल दत्ता, महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री शिवराजन नायर एवं संयुक्त निदेशक (आईडीटीआर) श्री अमित गुप्ता मंचासीन थे। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रबंधक (सीएसआर) श्री सुशील कुमार कामड़े, उप प्रबंधक (सीएसआर) श्री के के वर्मा सहित सीआईएसएफ, सीएसआर विभाग, आईडीटीआर के अन्य कर्मचारीगण और महिला प्रशिक्षु उपस्थित थे।
डीआईजी (सीआईएसएफ) सुश्री प्रतिभा अग्रवाल ने सीएसआर के इस पहल की सराहना की। उन्होंने महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, कि आज की मुख्य अतिथि मैं नहीं अपितु आप सभी प्रशिक्षु महिलाएं हैं, जिन्होंने इतनी बड़ी संख्या में भाग लिया और अपनी प्रतिभागिता से इस प्रशिक्षण को सम्भव बनाया। समाज में महिलाओं के लिए कई चुनौतियां हैं और आपने यहाँ पहुचकर इन चुनौतियों को स्वीकार किया है। आपने अपने मन की आशाओं और आकांक्षाओं को प्रदर्शित करते हुए, आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम ले लिया है, जो किसी भी कार्य को करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपकी तरह मैंने भी इन चुनौतियों को स्वीकारते हुए आत्मनिर्भरता की राह पर परिवार और अपने कार्य के बीच संतुलन बनाकर चलना सीखा। हम महिलाओं पर कई जिम्मेदारियां होती है, विशेष कर बच्चों की शिक्षा और संस्कार महिलाओं की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। क्योकि यह सिर्फ आपके परिवार में ही नहीं अपितु समाज और देश में भी आपका अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग होता है। उन्होंने इस पहल के लिए बीएसपी प्रबंधन को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्रैफिक नियम और सुरक्षा पर विशेष बल देते हुए, सभी महिलाओं को इस प्रशिक्षण का भरपूर लाभ उठाकर निरंतर आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा आप सभी इससे आत्मनिर्भर बनें, घर में आर्थिक सहयोग करें और समाज को एक नई दिशा दें।

कमांडेंट (सीआईएसएफ) श्री अभिजीत ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षु महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा, कि आपकी प्रगति से ही क्षेत्र का विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने स्कूली बच्चों को देश का भविष्य बताया और शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए कहा, कि क्षेत्र के विकास हेतु बीएसपी के सीएसआर विभाग के शिक्षा, रोजगार, स्वच्छता सम्बन्धी विभिन्न प्रयासों में सीआईएसएफ अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।

मुख्य महाप्रबंधक (टीएसडी एवं सीएसआर) श्री उत्पल दत्ता ने अपने सारगर्भित भाषण में कहा, कि यदि कोई एक महिला शिक्षित होती है तो उससे महिला के परिवार के साथ-साथ समाज भी शिक्षित होता है। समाज को सबल एवं जागरूक बनाने के लिए नारी शक्ति का विकास आवश्यक है। उन्होंने महिलाओं से कहा कि इस ड्राइविंग प्रशिक्षण से निश्चित रूप से आपके अंदर आत्मविश्वास आएगा, जिससे स्वरोजगार उपलब्ध होगा और इसका उपयोग आप परिवार की खुशहाली के लिए कर पाएंगे।
प्रारंभ में महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री शिवराजन नायर ने स्वागत भाषण दिया और महिलाओं हेतु ड्राइविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम के महत्व और विचारों को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, कि सुरक्षित ड्राइविंग वर्तमान समय में एक बुनियादी और आवश्यक जीवन कौशल बन गया है। यह प्रशिक्षण न केवल महिलाओं के जीवन कौशल को उन्नत बनाएगा बल्कि उनके लिए रोजगार के विकल्प भी पैदा करेगा।
संयुक्त निदेशक (आईडीटीआर) श्री अमित गुप्ता ने सभी महिलाओं को बधाई देते हुए बताया कि इन सभी प्रशिक्षु महिलाओं को लर्निंग लाइसेंस मिल चुका है, जो इस ड्राइविंग प्रशिक्षण का पहला चरण है। उन्होंने बताया कि इस पहल के अंतर्गत, एलएमवी लाइसेंस से सम्बन्धित औपचारिकताएं और व्यावहारिक-तकनीकी प्रशिक्षण भी दी जायेगी। इस पहल के तहत, क्लासरूम प्रशिक्षण और सिम्युलेटर प्रशिक्षण सीएसआर कॉम्प्लेक्स, सेक्टर-5, भिलाई में प्रदान किया जाएगा। जबकि व्यावहारिक प्रशिक्षण भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा उपलब्ध कराए गए निर्धारित स्थान पर दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, सभी महिला लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।

आईडीटीआर लाभार्थियों के लाइसेंस के लिए भी आवेदन करेगा, आगे की प्रक्रिया के लिए लाभार्थी महिलाओं को संबंधित आरटीओ के समक्ष ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। उन्होंने कहा कि यह एक जीवनकला है जो एक बार सीखने के बाद हम कभी नहीं भूलते हैं, इसका सबसे अच्छा उपयोग आप स्वरोजगार के लिए कर सकते हैं ताकि आप कमर्शियल वाहन का उपयोग करते हुए आत्मनिर्भर बन सके। श्री अमित गुप्ता ने सिम्युलेटर में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के मॉड्यूल जैसे डे, नाइट, सिटी, हाईवे, वेदर, क्लाइमेट, भाषा सम्बन्धी सुविधाओं के बारे में बताया है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सुशील कामड़े ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। उन्होंने स्टोरपारा की महिलाओं का घर से ड्राइविंग प्रशिक्षण तक पहुंचने के सफर के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे स्टोरपारा में सीएसआर कार्य के क्रियान्वयन हेतु, सीआईएसएफ के अधिकारियों ने विशेष सहयोग दिया। उन्होंने इस संदर्भ में सीएसआर विभाग से चर्चा के दौरान, क्षेत्र के विकास के लिए कौशल विकास और रोजगार उपलब्धता के अवसर में सहयोगी प्रशिक्षण का आयोजन किये जाने की बात रखी। उन्होंने इसके लिए सीआईएसएफ को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उद्घाटन समारोह का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ प्रबंधक (सीएसआर) श्री सुशील कुमार कामड़े द्वारा किया गया।
इस अवसर पर महिला प्रशिक्षुओं ने गाड़ी चलाना सीखने के पीछे अपनी आकांक्षाएं और उद्देश्यों को भी साझा किया। कुछ ने कहा की वे अपने परिवार में आर्थिक सहयोग देना चाहते हैं, कुछ अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करना चाहते हैं, कुछ के उपर परिवार की पूर्ण जिम्मेदारी है तो कुछ अपने शिक्षा का भार स्वयं उठाने के लिए इसका लाभ लेना चाहतीं है।

Share with your Friends

Related Posts