भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने अपने नए सेक्रेटरी को चुन लिया है. इस पद के लिए देवजीत साइकिया के नाम का ऐलान किया गया है. बीसीसीआई ने रविवार 12 जनवरी को एक स्पेशल जनरल मीटिंग (SGM) के बाद उनके नाम की आधिकारिक घोषणा की. बोर्ड के संविधान के मुताबिक इस खाली पद को भरने के लिए 45 दिन का समय था, जिसके लिए चुनाव किया गया. साइकिया ने सेक्रेटरी पद के लिए अपना नामांकन भरा. हालांकि, उनके सामने कोई और उम्मीदवार नहीं उठा, जिसके बाद अब उन्हें औपचारिक तौर पर निर्विरोध चुन लिया गया है. बीसीसीआई में ये सबसे ताकतवर पद माना जाता है, जिसकी कमान अब साइकिया के पास होगी. बता दें दिसंबर 2024 में जय शाह के आईसीसी चेयरपर्सन बने थे. उसके बाद साइकिया को अंतरिम सचिव बना दिया गया था. इसलिए इस पद के लिए उनका नाम तय माना जा रहा था. वहीं दूसरी ओर प्रभतेज भाटिया को कोषाध्यक्ष चुना गया है.
असम के लिए खेल चुके हैं क्रिकेट
करीब 56 साल के देवजीत साइकिया का जन्म अप्रैल 1969 में असम के गुवाहटी में हुआ था. साइकिया गुवाहटी में ही पले बढ़े हैं. उन्हें ‘लोन’ के नाम से भी जाना जाता है. साइकिया खुद एक फर्स्ट क्लास क्रिकेटर रह चुके हैं. उन्होंने 1990-91 सीजन में असम के लिए रणजी ट्रॉफी में भी 4 मैच भी खेला था. वो एक विकेटकीपर थे, साथ ही मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करते थे. बाद में वो असम क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी भी बने. वो गुवाहटी स्पोर्ट्स एसोसिएशन के भी जनरल सेक्रेटरी हैं. इतना ही नहीं वो असम के एडवोकेट जनरल भी रह चुके हैं.

देवजीत साइकिया को क्रिकेट में पहचान पहली बार 1984 में जूनियर लेवल पर बीसीसीआई के सबसे अहम टूर्नामेंट सीके नायडू ट्रॉफी के जरिए मिली. इसके बाद विजय मर्चेंट ट्रॉफी में असम की अंडर-15 टीम की ओर से डेब्यू मैच में ही उन्होंने नाबाद 55 रन ठोक दिए थे. फिर साइकिया ने 1987 में अंडर-17 विजय हजारे ट्रॉफी में ओडिशा के खिलाफ शानदार शतक जमाकर सीनियर ईस्ट जोन टीम में जगह बना ली थी और सौरव गांगुली जैसे स्टार खिलाड़ी के साथ खेलते दिखे थे. फिर 1989 में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया और 4 मैच खेले.हालांकि, पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने महज 21 साल की उम्र में ही प्रोफेशनल क्रिकेट छोड़ दिया था. इसके बाद उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी की और 1997 में गुवाहाटी हाई कोर्ट में एडवोकेट के तौर पर प्रैक्टिस शुरू की. 2021 में साइकिया को असम का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया और इस पद पर पहुंचने वाले सबसे युवा बने.
कैसे तय किया बीसीसीआई सचिव बनने का सफर?
साइकिया भले ही मैदान पर क्रिकेट एक्शन से दूर हो गए थे लेकिन क्रिकेट के लिए प्यार खत्म नहीं हुआ और स्थानीय स्तर से ही उन्होंने क्रिकेट प्रशासन में अपनी जगह बनाई. उन्होंने 2014 में असम क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कोर्ट में सफलता हासिल की. इसके बाद 2016 में वो ACA के वाइस प्रेजिडेंट बने. फिर 2019 में साइकिया पहली बार ACA के सचिव बने और यहीं से 2022 में उन्हें बीसीसीआई में जॉइंट सेक्रेटरी चुना गया.
दिसंबर 2024 में जय शाह के आईसीसी चेयरपर्सन का पद संभालने के बाद से ही साइकिया अंतरिम तौर पर BCCI के सचिव की भूमिका निभा रहे थे. बोर्ड के संविधान के मुताबिक कोई भी पद खाली होने पर उसे 45 दिन के अंदर भरना होता है और इसके लिए चुनाव होता है. इस बार भी यही प्रक्रिया अपनाई गई और साइकिया ने सेक्रेटरी पद के लिए नामांकन दाखिल किया गया. हालांकि, उनके सामने कोई और उम्मीदवार नहीं उठा, ऐसे में 12 जनवरी को उन्होंने औपचारिक तौर पर निर्विरोध सचिव चुना जाएगा.