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*यूथ सिख सेवा समिति भिलाई ने एक बार फिर अपनी मानवता और कर्तव्यपरायणता को सार्थक करते हुए सरदार बूटा सिंह जी के परिवार को कठिन समय में सहयोग प्रदान किया*

by Aditya Kumar

यूथ सिख सेवा समिति भिलाई ने एक बार फिर अपनी मानवता और कर्तव्यपरायणता को सार्थक करते हुए सरदार बूटा सिंह जी के परिवार को कठिन समय में सहयोग प्रदान किया।


सरदार बूटा सिंह जी, जो कुरूद में किराए के घर में रहते थे और पिछले 3 वर्षों से मुंह के कैंसर से पीड़ित थे, का हाल ही में निधन हो गया। उनके पीछे तीन बेटियां हैं, जिनमें से एक शादीशुदा है, एक सिलाई का काम करती है और एक स्टेशनरी की दुकान पर काम करती है। कठिन परिस्थितियों में भी, उनका परिवार अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने में लगा रहा।
उनके इलाज का जिम्मा समिति के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह (छोटू) ने लिया था। उनके निधन की सूचना मिलने पर, समिति ने तुरंत उनके अंतिम संस्कार और अन्य धार्मिक कर्तव्यों का दायित्व संभाला।
यूथ सिख सेवा समिति भिलाई ने न केवल सरदार बूटा सिंह जी का सह सम्मान अंतिम संस्कार किया, बल्कि गुरुद्वारा साहिब में लंगर और पाठ की सेवा भी आयोजित की। एक ऐसा समय भी आया जब अंतिम संस्कार में कंधा देने के लिए पुरुषों की कमी थी। इस स्थिति में, समिति के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह और कोषाध्यक्ष मलकीत सिंह ने न केवल व्यक्तिगत रूप से इस जिम्मेदारी को निभाया, बल्कि पूरी टीम के साथ (महासचिव जसवंत सिंह उपाध्यक्ष हरनेक सिंह,हरजिंदर सिंह, उपाध्यक्ष रणजीत सिंह, सचिव निर्मल सिंह, ऋषि सिंघ ) मुक्तिधाम तक उपस्थित रहे।
संस्कार की सभी आवश्यकताओं से लेकर लंगर सेवा तक, यूथ सिख सेवा समिति भिलाई ने यह सुनिश्चित किया कि सरदार बूटा सिंह जी को सम्मानजनक विदाई दी जाए। समिति ने यह दिखाया कि सिख धर्म की शिक्षाएं न केवल धार्मिक कर्तव्यों तक सीमित हैं, बल्कि समाज के वंचित और ज़रूरतमंद लोगों की सेवा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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