Home » *भिलाई सिविक सेंटर कला मंदिर में आयोजित द्वितीय आदिवासी जनजाति महोत्सव 2025 कार्यक्रम में सम्मिलित हुए दुर्ग ग्रामीण विधायक व सांसद*

*भिलाई सिविक सेंटर कला मंदिर में आयोजित द्वितीय आदिवासी जनजाति महोत्सव 2025 कार्यक्रम में सम्मिलित हुए दुर्ग ग्रामीण विधायक व सांसद*

by Aditya Kumar

 

*भिलाई सिविक सेंटर कला मंदिर में आयोजित द्वितीय आदिवासी जनजाति महोत्सव 2025 कार्यक्रम में सम्मिलित हुए दुर्ग ग्रामीण विधायक व सांसद*

 

*आदिवासी जनजाति महोत्सव हमारे देश की विविधता और समृद्धि का प्रतीक हैं*

*विधायक ललित चंद्राकर*

भिलाई सिविक सेंटर कला मंदिर में आर्य युवा केंद्र संबंधित राष्ट्रीय सेवा भारती सहकार भारती लघु उद्योग भारती आयोजित सूक्ष्म लघु उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा द्वितीय आदिवासी जनजाति महोत्सव 2025 कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में दुर्ग सांसद विजय बघेल कार्यक्रम की अध्यक्षता दुर्ग ग्रामीण विधायक व राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर और विशेष अतिथि के रूप में अतिथि वैशाली नगर विधायक की धर्मपत्नी ऋचा सेन , संरक्षक लता ऋषि चंद्राकर , पार्षद सुनंदा चंद्राकर जी, मैत्री माथुर , लोकगायिका रजनी रजक , पुशेष पात्रे जी, श्रीकान सिंह जी, पुष्पेंद्र सम्मिलित हुए।
जिसमें देश भर के अलग-अलग जगत के हुनर मद व्यक्ति सम्मिलित हुए। और आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा एवं योगदान का सम्मान किया। इस शुभ अवसर पर सभी आदिवासी समाज के भाई बहनों हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं एवं उनके सशक्तिकरण एवं उत्थान के संकल्प को दोहराया।जनजाति समुदाय की ओर से भव्य स्टॉल लगाया गया था जिसमें देश भर के विभिन्न उत्पादों का संयोजन था उसका निरीक्षण किया गया।

*इस अवसर पर दुर्ग ग्रामीण विधायक* ललित चंद्राकर ने कहा आज हम आदिवासी जनजाति महोत्सव के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह महोत्सव हमारे देश की विविधता और समृद्धि का प्रतीक है।आदिवासी समुदाय हमारे देश की आत्मा है, और उनकी संस्कृति, परंपराएं और जीवनशैली हमें प्रेरित करती हैं। आज हम उनकी उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं और उनकी संस्कृति को सम्मानित कर रहे हैं।हमारा देश विविधता में एकता का प्रतीक है, और आदिवासी समुदाय इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमें उनकी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करना चाहिए और उनके अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
आज के इस महोत्सव में, हम आदिवासी समुदाय की संस्कृति, कला, संगीत और नृत्य का आनंद ले रहे हैं। यह हमें उनकी समृद्धि और विविधता का अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।
आखिर में, मैं आदिवासी जनजाति महोत्सव के आयोजकों और प्रतिभागियों को बधाई देता हूं। यह महोत्सव हमारे देश की विविधता और समृद्धि का जश्न मनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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