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*छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा गणमान्य व्यक्तियों ने नारायणपुर के मावली मेला में बीएसपी मंडप की सराहना की*

by Aditya Kumar

छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा गणमान्य व्यक्तियों ने नारायणपुर के मावली मेला में बीएसपी मंडप की सराहना की

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नारायणपुर में ऐतिहासिक मावली मेला के 2025 संस्करण का उद्घाटन 19 फरवरी 2025 को किया गया। छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  केदार नाथ कश्यप ने पांच दिवसीय मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट (नारायणपुर)  प्रतिष्ठा ममगाईं आईएएस,  आकांक्षा खलखो, सीईओ (जिला पंचायत नारायणपुर),  बीरेंद्र बहादुर पंचभाई, अपर कलेक्टर (नारायणपुर) तथा जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय पंचायतों के प्रतिनिधि, राज्य के अधिकारी तथा बड़ी संख्या में आसपास के क्षेत्रों के निवासी उपस्थित थे। बीएसपी के मंडप में अथितियों का स्वागत, कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (रावघाट),  अरुण कुमार, महाप्रबंधक (खदान/रावघाट)  अनुपम बिष्ट एवं महाप्रबंधक (रावघाट)  एस पी मंडावी ने किया।

उपस्थित अतिथियों को संयंत्र से संबंधित जानकारी, सहायक महाप्रबंधक (रावघाट)  योगेश वर्मा और सहायक महाप्रबंधक (रावघाट)  ए के मिश्रा ने दी। मेले के अंतर्गत 20 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें राज्य सरकार की संस्थाओं एवं विभागों द्वारा विभिन्न विषयों पर आधारित प्रदर्शनियां लगाई गई हैं। इस कार्यक्रम में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने भी भाग लिया। बीएसपी मंडप में रावघाट खदानों में खनन प्रक्रिया और भिलाई इस्पात संयंत्र में एकीकृत इस्पात निर्माण कार्यों को दर्शाया गया है। इस अवसर पर उपस्थित मंत्री  केदार कश्यप, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, आसपास के जिलों के डिप्टी कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा अन्य गणमान्य लोगों ने बीएसपी के मंडप में प्रदर्शित आकर्षक पैनल, कट-आउट और संयंत्र के उत्पादन प्रक्रिया पर बने वृत्तचित्र आदि की गहरी रुचि ली और उनकी सराहना की। बीएसपी की रावघाट खदानों से निकाले गए उच्च गुणवत्ता वाले लौह अयस्क के नमूने और राष्ट्र निर्माण में उपयोग किए गए बीएसपी के उत्पादों को भी मंडप में प्रदर्शित किया गया है।

भिलाई इस्पात संयंत्र के सतत प्रयासों से ग्रामीण विकास के लिए रावघाट सहित दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों में संयंत्र द्वारा किए गए सामाजिक और सीएसआर गतिविधियों को मंडप में कलात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर रावघाट सीएसआर विभाग की एक मेडिकल टीम, जिसमें मेडिकल कंसल्टेंट, ब्लड शुगर, एचबी और बीपी जांच के लिए नर्सिंग स्टाफ और फार्मासिस्ट शामिल थे, ने भी मावली मेले में चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए अपनी सेवाएं दीं। शिविर में चिकित्सा सहायता चाहने वाले व्यक्तियों को निःशुल्क दवाइयाँ भी वितरित की गईं।

मावली मेला आदिवासी मेला अबूझमाड़ क्षेत्र की एक अभिन्न सांस्कृतिक विरासत है और इसका एक समृद्ध इतिहास है जो 800 वर्षों से भी अधिक पुराना है। यहाँ आदिवासी संस्कृति की अनूठी कला और हस्तकला और महुआ, लाख, इमली, लोबान और विभिन्न दैनिक उपयोग की वस्तुओं सहित जैविक कृषि उपज और वन उत्पादों के साथ-साथ मनोरंजक झूले और 300 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि मावली मेला देवी मावली के सम्मान में आयोजित किया जाता है, जिन्हें बस्तर क्षेत्र की संरक्षक देवी दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी देवी की बहन के रूप में पूजा जाता है। पुराने समय में यह मेला स्थानीय आदिवासियों के लिए पूरे साल के लिए कपड़े, अनाज और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं को इकट्ठा करने का स्थान हुआ करता था, इसलिए यह अपनी स्थापना के बाद से एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन रहा है।

बीएसपी का मंडप प्रभावशाली पैनल, कटआउट और फिल्मों के प्रदर्शन के कारण भीड़ को आकर्षित कर रहा है। आगंतुकों के प्रश्नों का उत्तर रावघाट माइंस के बीएसपी अधिकारियों द्वारा दिया जाता है। सभी को मेला और प्रदर्शनी देखने के लिए आमंत्रित किया जाता है जो 23 फरवरी, 2025 तक जारी रहेगा।

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