-पशुपति नाथ मंदिर परिसर की साफ सफाई में तत्परता से जुटे महापौर व अमला:

-महापौर अलका बाघमार ने साफ सफाई की कमान स्वय संभाली:
-शहर में चल रहे स्वच्छता अभियान का हिस्सा, शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाना है. पर्यावरण संरक्षण। तालाबों की सफाई पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है:महापौर
दुर्ग/10 अप्रैल।नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत आज महापौर अलका बाघमार ने नागरिको के साथ पशुपति नाथ मंदिर परिसर की समुचित साफ सफाई के लिए नगर निगम का अमला तत्परता के साथ जुट गया। मंदिरो से श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है। रोजाना भक्तों की इस मंदिर में भीड़ भी जुटती है।रोजना मंदिर में दर्शन हेतु भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए मंदिर के आस पास समुचित साफ सफाई कराने हेतु महापौर अलका बाघमार ने साफ सफाई की कमान स्वय संभाली। उनकी मौजूदगी में निगम के सफाई अमले ने साफ सफाई की। इस दौरान पार्षद नीलम शिवेंद्र परिहार,महिला मोर्चा महामंत्री जयश्री राजपूत,स्वेता ताम्रकर, ममता गिरूंग,सुरेश दीक्षित,करण करोसिया सहित अन्य मौजूद रहें।
महापौर ने शहरवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा मंदिरों से श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी होती है इसलिए मंदिरों के आस पास नियमित साफ सफाई का ध्यान रखा जाएगा।
*-महापौर अलका बाघमार ने पहले नागरिकों से भी सहयोग की अपील की:*
महापौर अलका बाघमार द्वारा वार्ड पार्षद नीलम शिवेंद्र परिहार के साथ वार्ड क्रमांक 59 स्थित तालाब की सफाई स्थानीय लोगो और निगम कर्मियों के साथ मिलकर तालाब से नवरात्र में किये गए विसर्जन सामग्री, फूल माला, पालीथीन को तालाब 24 से बाहर निकाला। सुबह एक घंटा से अधिक समय तक चले इस अभियान में टैक्टर ट्राली भरकर कचरा निकाला गया।
महापौर कहा है कि तालाबों की सफाई निरंतर जारी रहनी चाहिए, ताकि ये साफ सुथरे रहें और लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो सके. शहर में चल रहे स्वच्छता अभियान का हिस्सा, शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाना है. पर्यावरण संरक्षण। तालाबों की सफाई पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे जल प्रदूषण कम होता है और जलीय जीवन को बचाया जा सकता है। साफ-सुथरे तालाब लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी हैं, क्योंकि इससे जल जनित बीमारियों को रोका जा सकता है।जन संपर्क विभाग/राजू बक्शी