- भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक संपन्न …
भिलाई। भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ (भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक इकाई) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक दिनांक 25 एवं 26 सितंबर 2021 को राउरकेला (उड़ीसा) में संपन्न हुई, बैठक की अध्यक्षता, अध्यक्ष कृपाल सिंह ने एवं कार्यक्रम का संचालन महामंत्री राजेंद्र महंता ने किया बैठक के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए स्टील फेडरेशन के प्रभारी एवं एनजेसीएस सदस्य डी के पांडेय ने संगठनात्मक विषय पर बोलते हुए कहा कि भारतीय मजदूर संघ के प्रत्येक कार्यकर्ता को अपने ध्येय, विचारधारा पर चिंतन करना चाहिए, हमारा ध्येय एकात्म मानववाद हमारा अंतिम लक्ष्य भारत माता की जय, समर्थ भारत – सशक्त भारत और हमें आर्थिक रूप से प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्र हो, सक्षम हो इसके लिए निरंतर लक्ष्य प्राप्ति तक संवाद – संघर्ष के मार्ग पर चलना होगा।
उक्त बैठक में उपस्थित भारतीय इस्पात मजदूर महासंघ (भारतीय मजदूर संघ) के राष्ट्रीय मंत्री दिनेश कुमार पांडेय ने बताया कि इस बैठक में सेल के सभी कारखानों, खदानों के महामंत्री के साथ ही महासंघ के समस्त पदाधिकारीगण उपस्थित थे, इस बैठक में प्रमुख रूप से चर्चा का विषय एनजेसीएस वेतन समझौता, बोनस (सेल परफॉर्मेंस इंसेंटिव स्कीम) पेंशन स्कीम रहा। राष्ट्रीय मंत्री दिनेश कुमार पांडेय ने बताया कि बीएमएस अपनी मांग, अधिकारीयों के समकक्ष ग्रोथ (ग्रोथ, एट पार एक्जीक्यूटिव) पर पूर्णत: कायम है और पूरा विश्वास है इसी अनुरूप वेतन समझौता होगा, साथ ही 2012 में एसपीआईएस का जो फार्मूला बना था जिस के अनुसार कर्मचारियों को अभी तक बोनस मिल रहा था तत्कालीन परिस्थिति में वह उचित नहीं है अत: बीएमएस इस फार्मूला में सुधार के लिए प्रबंधन को लेबर प्रोडक्टिविटी में हुई वृद्धि को देखते हुए बीएमएस के स्टील फेडरेशन महामंत्री ने सेल चेयरमैन को एक पत्र दिया है ताकि सभी कर्मचारियों को अधिकतम बोनस प्राप्त हो सके, उपरोक्त दोनों विषय के अलावा पेंशन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए एनजेसीएस सदस्य राउरकेला के अध्यक्ष हिमांशु बल ने कहा कि सभी दृष्टिकोण से एनपीएस ही उचित है।

इस अवसर पर बैठक में भिलाई इस्पात मजदूर संघ (बीएमएस) का प्रतिनिधित्व करते हुए यूनियन के महामंत्री रविशंकर सिंह ने भिलाई में कर्मचारियों को हो रही दिक्कतों का मामला उठाया, जिसमें प्रमुख रुप से मेडिकल में डॉक्टरों की भारी कमी विशेषकर कार्डियोलॉजिस्ट का ना होना, अन्य इकाइयों की तुलना में भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों को कम (7) आकस्मिक अवकाश मिलता है, बाकी जगह अधिकतम 11 तक आकस्मिक अवकाश मिलता है अत: भिलाई में भी आकस्मिक अवकाश की संख्या में वृद्धि की जावे व अन्य छुट्टियों की संख्या में भी वृद्धि होनी चाहिए सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारी भाइयों से रिटेंशन के नाम पर लाखों रुपए जमा कराया जाता है अत: जमा राशि पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ब्याज मिलना चाहिए या राशि की जगह में एफडी मॉर्टगेज रखकर क्वार्टर दिया जाना चाहिए, भिलाई इस्पात संयंत्र टाउनशिप के अधिकांश क्वार्टर जर्जर अवस्था में है, उनका उचित मेंटेनेंस होना चाहिए साथ ही जो कर्मचारी क्वार्टर नहीं लेना चाहता उनके लिए हाउस रेंट अलाउंस शुरू हो, साथ ही इस बैठक मे अविलंब इंसेंटिव स्कीम में सुधार की भी मांग की।