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देश में कोरोना से मौत के आंकड़े ने बढ़ाई चिंता

by admin

नई दिल्ली। देश में कोरोना की रफ्तार भले ही कम हो रही हो, लेकिन पिछले एक दिन में नए कोरोना मामलों में मामूली और कोरोना से मौतों के तीन गुना आंकड़े ने एक बार चिंताएं बढ़ा दी है। हालांकि सरकार लगातार त्यौहारी मौसम में कोरोना से सतर्कता बरतने और कोरोना वैक्सीन की डोज लेने की अपील कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार देश में कोरोनावायरस केसों में एक बार फिर उछाल दर्ज किया गया है। पिछले २४ घंटे में देश में कोरोना के १६,३२६ नए मामले सामने आए हैं। जबकि ६६६ लोगों की मौत भी हुई है। देश में मौतों की संख्या में यह बड़ा इजाफा डराने वाला है। हालांकि नए कोरोना मामलों का आंकड़ा कम होने की वजह से थोड़ी राहत जरूर है। दरअसल मौतों का आंकड़ा बढऩे की वजह केरल की ओर से दिया गया बैकलॉग भी शामिल है। केरल ने मौत के आंकड़े को रिवाइज करते हुए शुक्रवार को ५६३ मौतों के बैकलॉग की जानकारी दी थी। इसी के चलते यह आंकड़ा बढ़ते हुए ६६६ हो गया, जबकि दिन भर का वास्तविक आंकड़ा १०३ का ही है।

आंकड़ो के अनुसार राहत की बात ये है कि देश में सक्रीय मरीजों की संख्या फिलहाल दो लाख से नीचे बनी है। आंकड़ों के मुताबिक बीते एक दिन में एक हजार मरीजों की कमी के बाद फिलहाल देश में उपाराधीन सक्रीय मरीजों की संख्या १,७३,७२८ यानि १.२४ प्रतिशत है। जबकि बीते एक दिन में की अवधि में १७,६७७ लोग कोरोना को मात देकर ठीक भी हुए हैं। देश में अब रिकवरी रेट बढ़कर ९८.१६ प्रतिशत हो गया है। देश में दैनिक पॉजिटिविटी रेट में भी तेजी से कमी आई है और यह आंकड़ा अब १.२० फीसदी ही रह गया है। अब उसके अगले ही दिन मौतों का आंकड़ा अचानक बढऩे से चिंताओं में इजाफा हुआ है। खासतौर पर फेस्टिव सीजन के दौरान मौतों का इतना बड़ा आंकड़ा चिंतित करता है। देश में कोरोना से अब तक मरने वालों का कुल आंकड़ा तेजी से बढ़ते हुए ४,५३,७०८ हो गया है। राहत की बात यह है कि लगातार २९वें दिन ऐसा हुआ है, जब कोरोना के नए केसों की संख्या ३०,००० से कम है, जबकि ११८वां दिन है। गौरतलब है कि देश भर में १.०१ अरब से ज्यादा कोरोना टीके लग चुके हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक अरब का आंकड़ा पार होने पर देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भले ही कोरोना से राहत मिल रही है, लेकिन युद्ध अभी जारी है। ऐसे में हमें हथियार नहीं डालने हैं।
केरल में ज्यादा मामले
केरल में एक्टिव केसों की संख्या ८० हजार से भी ज्यादा है। उधर दूसरा नंबर महाराष्ट्र का है, जहां २४ हजार से कुछ ज्यादा एक्टिव केस हैं। इन दोनों राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में सिर्फ १०७ एक्टिव केस हैं, जबकि दिल्ली में सक्रिय मामलों की संख्या ३४० है।

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