नयी दिल्ली । विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महानिदेशक डॉ नोगोजी ओकोन्जो-इवेला ने भारत में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों की उनके जीवन और समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों के लिए सराहना की है। उन्होंने उनके साथ एक आन लाइन संवाद में विशेष रूप से महामारी के दौरान एसएचजी सदस्यों द्वारा की गई पहलों की सराहना की और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं।
डॉ ओकोन्जो-इवेला ने भारत की अपनी यात्रा के अंतिम दिन शुक्रवार को भारत ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) के अधिकारियों और ग्रामीण विकास मंत्रालय के दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत पदोन्नत स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं के साथ बातचीत की।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव चरणजीत सिंह ने चर्चा की अगुवाई की और ग्रामीण विकास मंत्रालय के निदेशक राघवेंद्र प्रताप सिंह तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम की राष्ट्रीय मिशन प्रबंधन इकाई के विषयगत विशेषज्ञों की एक टीम ने बैठक में भाग लिया। स्विट्जरलैंड के जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ब्रजेंद्र नवनीत ने भी बैठक में भाग लिया।

श्री चरणजीत सिंह ने कोविड-19 के प्रकोप के दौरान डीएवाई-एनआरएलएम घटकों तथा एसएचजी द्वारा संचालित गतिविधियों की समीक्षा प्रस्तुत की। विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक ने मध्य प्रदेश के विश्वनाथ एसएचजी की मास्टर कृषि सखी रामबेटी सेन, बिहार के दुर्गा एसएचजी की बीसी सखी सुषमा देवी, कृष्ण भगवान सीएलएफ की अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के जय चामुंडा एसएचजी की जमुना, केरल के विस्माया एसएचजी की सचिव सुजाता उन्नीकृष्णन और झारखंड के मां गायत्री एसएचजी की उद्यमी नंदिनी देवी के साथ वर्चुअल तरीके से बातचीत भी की।
उन्होंने एसएचजी सदस्यों से उनके कार्यक्षेत्र, एसएचजी में शामिल होने के उनके अनुभव, इसने आर्थिक और सामाजिक रूप से उन्हें कैसे प्रभावित किया है और एसएचजी ने रोग के प्रकोप से उत्पन्न चुनौतियों का किस प्रकार सामना किया, इसके बारे में पूछताछ की।
एसएचजी सदस्यों ने एसएचजी के साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए और बताया कि उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है और अब वे अपने परिवार, बच्चों और खुद की बेहतर देखभाल करने में सक्षम हैं। उन्होंने अपने काम अर्थात कोविड-19 के दौरान घर-घर जाकर पैसे का संवितरण, कृषि-पोषण उद्यान की स्थापना में एसएचजी परिवारों की सहायता, कृषि-पारिस्थितिकी प्रचलनों को बढ़ावा देने, साबुन, सैनिटाइजऱ बनाने, मसाले आदि जैसे उद्यमों की स्थापना, कोविड-19 उपयुक्त व्यवहारों पर जागरुकता पैदा करने, समुदाय में कोविड-19 टीकों से संबंधित झिझक को दूर करने, निर्बल वर्गों को निशुल्क सूखा राशन और पके हुए भोजन का वितरण आदि के बारे में जानकारी दी।
डब्ल्यूटीओ प्रमुख ने अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की। इस साल जिनेवा में होने जा रही डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय बैठक की दृष्टि से उनकी इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत डब्ल्यूटीओ का एक प्रमुख सदस्य है।