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*तेलीगुण्डरा गौठान में संचालित अत्याधुनिक लेयर मुर्गीपालन से अंडा उत्पादन कर सबल हुई स्व सहायता समूह की महिलाएं*

by Aditya Kumar

दुर्ग : तेलीगुण्डरा गौठान में संचालित अत्याधुनिक लेयर मुर्गीपालन से अंडा उत्पादन कर सबल हुई स्व सहायता समूह की महिलाएं

-शासन का लाभ लेकर आत्मनिर्भर हो रही महिलाएं
दुर्ग, 24 मई 2023

दुर्ग जिले में उन्नति स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आधुनिक तकनीक से लेयर मुर्गीपालन का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत तेलीगुण्डरा के गौठान में संचालित अत्याधुनिक लेयर मुर्गीपालन के माध्यम से अंडे का उत्पादन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत महिलाएं बढ़-चढ़कर काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अश्वनी देवांगन के मार्गदर्शन में पाटन विकासखण्ड के तेलीगुण्डरा ग्राम के गौठानों में अत्याधुनिक लेयर मुर्गीपालन का कार्य उन्नति स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। महिलाएं लेयर मुर्गीपालन का कार्य कर प्राईवेट पोल्ट्री फार्म को प्रतिस्पर्धा दे रही है।
कभी घर से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं शासन की योजना का लाभ लेकर गौठान में 4500 मुर्गी पालन का कार्य कर रही है। उन्नति स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मुर्गीपालन से प्रतिदिन 3500-4000 अंडे का उत्पादन किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 20 हजार रूपए का अंडा बेचकर 5000 रूपए का शुद्ध आय अर्जित कर रही है। इस प्रकार प्रति माह डेढ़ लाख रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त करने की संभावना है। गौठानों में मुर्गीपालन कार्य को सफलता मिलने पर इन्हें अपग्रेड करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। गौठानों में ही हेचरी यूनिट की स्थापना पूर्व में की गई है, जिसमें 6 मुर्गी हेचरी यूनिट और 2 बटेर हेचरी यूनिट की स्थापना की गई थी, ताकि गौठान के मुर्गी शेड में चूजों का विकास हो सके। तेलीगुण्डरा में मुर्गीपालन यूनिट को महत्व देते हुए इन महिलाओं के उद्यम को प्रोत्साहित करने के साथ आगे भी कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बीवी 300 वाईट लैग हार्न नस्ल की मुर्गीयां 120 दिन में अंडे देना शुरू कर देती है।
उन्नति स्व सहायता समूह की अध्यक्ष कुमारी बाई पटेल ने बताया कि पहले हम लोग इस कार्य को करने में हिचकते थे, लेकिन जिला प्रशासन के सहयोग से स्व सहायता समूह की महिलाओं को समय-समय पर विभिन्न उत्साहवर्धक एवं तकनीकी मार्गदर्शन देकर हमें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया।
इस संबंध में जिला नोडल अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग श्री मोहित कामले ने बताया कि 56 गौठानों में मुर्गीपालन का कार्य किया जा रहा है। मुर्गीपालन के क्षेत्र में स्व सहायता समूह की महिलाओं की रूचि को देखते हुए मुर्गी पालन यूनिट को तेजी से अपग्रेड किया जा रहा है। तेलीगुण्डरा में जिस लेवल का काम हुआ है, उससे स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपने आप को बड़े फार्म यूनिटों की बराबरी में खड़ा कर दिया है। मुर्गीपालन के लिए सभी सावधानियां बरती जा रही है।

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