नई दिल्ली । देश के जवानों के बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा। दिन हो या रात देश के जवान लगातार देश की सीमाओं की रक्षा में डटे रहते हैं। आज के ही दिन 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना ब्रिटिश थल सेना से पूरी तरह मुक्त हुई थी। इसके बाद इसी दिन जनरल केएम करियप्पा को भारतीय सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था और देश के पहले आर्मी चीफ बने थे। इन्हीं दो यादगार लम्हों को याद करने के लिए आर्मी डे मनाया जाता है। इस अवसर पर आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे करियप्पा परेड ग्राउंड में सलामी लेंगे। देश इस अवसर पर जवानों की अदम्य वीरता और साहस को याद करता है और जवानों को श्रद्धांजलि देता है। भारतीय जवानों की वीरता और पराक्रम किसी से छिपा नहीं है। चाहे बात हो पहाड़ों में लड़ाई की या फिर हाड़ जमा देने वाले सियाचिन की। भारतीय सेना ने हर जगह खुद को साबित किया है। दुनिया की सबसे अनुशासित और ट्रेंड सेना की नजर हर वक्त लक्ष्य पर होती है। न वे कभी डिगते हैं और न झुकते हैं। पिछले साल देश की रक्षा में कई जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। पिछले साल देश की रक्षा में कई जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
सेना दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सैनिकों को बधाई दी और कहा कि देश हमेशा साहसी एवं प्रतिबद्ध सैनिकों, सेना के सेवानिवृत्त जवानों एवं उनके परिवारों का आभारी रहेगा। कोविंद ने 73वें सेना दिवस पर ट्वीट किया, ‘सेना दिवस पर, भारतीय सेना के सभी बहादुर पुरुषों और महिलाओं को बधाई। हम उन बहादुरों को याद करते हैं जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत साहसी एवं प्रतिबद्ध सैनिकों, सेवानिवृत्त जवानों और उनके परिवारों का सदा आभारी रहेगा।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सेना दिवस के अवसर पर देश के सैनिकों को बधाई दी और कहा कि सशक्त, साहसी और संकल्पबद्ध सेना ने हमेशा राष्ट्र का सिर गर्व से ऊंचा किया है। मोदी ने 73वें सेना दिवस के अवसर पर ट्वीट कर कहा, ‘मां भारती की रक्षा में पल-पल मुस्तैद देश के पराक्रमी सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस की हार्दिक बधाई। हमारी सेना सशक्त, साहसी और संकल्पबद्ध है, जिसने हमेशा देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। समस्त देशवासियों की ओर से भारतीय सेना को मेरा नमन।’ सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश थल सेना की वीरता, अदम्य साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है।