मरवाही वन मंडल अंतर्गत घुसरिया बीट में एक मकान क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं किसानों की फसल रौंदी। इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। ग्रामीण डरे हुए हैं। जिस दिन से हाथियों का दल अनूपपुर से मरवाही क्षेत्र में पहुंचा वन अमला निगरानी में जुटा हुआ है। हालांकि इसके अलावा विभाग के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। ग्रामीणों को सतर्क रहने के साथ शाम ढलने के बाद घर से बाहर न निकलने की समझाइश दी जा रही है।
मरवाही वन परिक्षेत्र में पांच हाथियों का दल डटा हुआ है। इतना ही नहीं लगातार फसल व मकान को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं। दल ने किसानों की फसल रौंद दी।
हाथियों के दल को मरवाही वन परिक्षेत्र के दानीकुंडी में देखा गया। हाथी नाका बीट के कक्ष क्रमांक 2005 में विचरण कर रहे हैं। हालांकि बुधवार को वह कटघोरा वनमंडल् की ओर बढ़ रहे थे, जिससे माना जा रहा था कि वह इसी रास्ते से लौट जाएंगे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। हाथी मरवाही वन परिक्षेत्र में मौजूद हैं और लगातार फसल रौंद रहे हैं। वनमंडल मरवाही के कर्मचारियों के द्वारा हाथियो की सतत् निगरानी की जा रही है और ग्रामीणों को जंगल न जाने और हाथियो से दूरी बनाए रखने की समझाइश दी जा रही हैं। ऐसा केवल सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है। एक बाद हाथी आक्रोशित हो गए तो इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
वन विभाग का साफ कहना है कि हाथियों से दूरी बनाए रखने में ही सभी की भलाई। अभी केवल फसल, मकान व अन्य सामान को ही नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन सामानों की भरपाई विभाग कर देगा। लेकिन, जनहानि पर भरपाई कोई नहीं कर सकता है। हाथियों से सुरक्षित रहने का एक ही उपाय है, वह है दूरी व सतर्कता। इसलिए मैदानी अमले को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि हाथियों पर पैनी नजर रखे। इसके साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करें। कुछ ग्रामीणों को छोड़कर अन्य निर्देशों का पालन भी कर रहे हैं।