Home » *गणतंत्र-दिवस परेड में कर्तव्यपथ पर शामिल होगी ‘छत्तीसगढ़ की आदिम जनसंसद की झांकी*

*गणतंत्र-दिवस परेड में कर्तव्यपथ पर शामिल होगी ‘छत्तीसगढ़ की आदिम जनसंसद की झांकी*

by Aditya Kumar

रायपुर : गणतंत्र-दिवस परेड में कर्तव्यपथ पर शामिल होगी ‘छत्तीसगढ़ की आदिम जनसंसद की झांकी’

जगदलपुर का मुरिया दरबार और बड़े डोंगर का लिमऊ राजा होंगे केंद्रीय विषय
28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी चयनित
अनूठे विषय और डिजाइन ने विशेषज्ञों को रिझाया
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सफलता पर बधाई दी,  प्रदेश के लिए बड़ा अवसर बताया
रायपुर, 04 जनवरी 2024
देश के 28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी “बस्तर की आदिम जनसंसद : मुरिया दरबार” को इस साल नई दिल्ली में होने वाली गणतंत्र-दिवस परेड के लिए चयनित कर लिया गया है। नई-दिल्ली स्थित कर्तव्यपथ पर होने वाली परेड के लिए 28 में से 16 राज्यों का चयन किया गया है। झांकी का अनूठा विषय और डिजाइन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को रिझाने में कामयाब रहा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्य को मिली इस महत्वपूर्ण सफलता पर बधाई दी है, उन्होंने इसे प्रदेश के लिए एक बड़ा अवसर बताया है।
छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘भारत लोकतंत्र की जननी’ पर आधारित है। यह झांकी जनजातीय समाज में आदि-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है। इस झांकी में केंद्रीय विषय “आदिम जन-संसद” के अंतर्गत जगदलपुर के मुरिया दरबार और उसके उद्गम-सूत्र लिमऊ-राजा को दर्शाया गया है। मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक परंपरा है,  जो 600 सालों से चली आ रही है। इस परंपरा के उद्गम के सूत्र कोंडागांव जिले के बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा नामक स्थान पर मिलते हैं। इस स्थान से जुड़ी लोककथा के अनुसार आदिम-काल में जब कोई राजा नहीं था, तब आदिम-समाज एक नीबू को राजा का प्रतीक मानकर आपस में ही निर्णय ले लिया करता था।
झांकी की थीम व डिजाइन स्थानीय स्तर पर वृहद अन्वेषण और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में तैयार की गई। इस विषय वस्तु पर आधारित झांकी को पांच चरणों की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के सामने थीम और डिजाइन के चयन के बाद झांकी का थ्रीडी मॉडल प्रस्तुत किया गया। अंत में संगीत चयन के साथ ही झांकी को अंतिम स्वीकृति मिल गई। झांकी की थीम और डिजाइन ने चयनकर्ताओं को खासा आकर्षित किया।
परेड में शामिल होने वाली झांकियों के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालय और विभागों से रक्षा मंत्रालय प्रस्ताव मांगता है। इन प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जाता है। झांकियों के चयन के लिए विशेषज्ञ समिति के साथ विभिन्न चरणों में कई बैठकें होती हैं। कमेटी में कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति, कोरियोग्राफर आदि शामिल रहते हैं। विशेषज्ञ समिति थीम के आधार पर प्रस्तावों की जांच करती है। सिफारिशें करने से पहले कमेटी द्वारा अवधारणा, डिजाइन और इसके दृश्य प्रभाव पर ध्यान दिया जाता है।

Share with your Friends

Related Posts