वाशिंगटन । अमेरिका में लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमले को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने दंगा करने वाले अपने समर्थकों की निंदा करते हुए कहा है कि सभी अमेरिकियों की तरह मैं भी इस हिंसा से दुखी हूं। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि हिंसा में शामिल होने वाले अमेरिकी नहीं थे। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका हमेशा कानून और व्यवस्था का राष्ट्र होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को दुनिया उस समय हैरान रह गई, जब निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को विफल करने के मकसद से कैपिटल भवन पर धावा बोल दिया और इस दौरान अभूतपूर्व हिंसा हुई तथा अफरातफरी मच गई। इस घटना में चार लोग मारे गए और राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के रूप में क्रमश: जो बाइडन एवं कमला हैरिस के निर्वाचन को सत्यापित करने की प्रक्रिया बाधित हुई। कांग्रेस ने इस घटना के चलते हुए विलंब के बाद अंतत: अपने संयुक्त सत्र में बाइडन तथा हैरिस के निर्वाचन की औपचारिक रूप से पुष्टि कर दी।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए तीन नवंबर को हुए चुनाव में बाइडन और हैरिस को 306 ‘इलेक्टोरल कॉलेज’ वोट मिले थे, वहीं ट्रंप और पेंस के खाते में 232 ‘इलेक्टोरल कॉलेज’ वोट आए थे। वर्मोंट के तीन ‘इलेक्टोरल कॉलेज’ वोटों की गिनती ने इन दोनों को राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत के लिए आवश्यक 270 से अधिक के जादुई आंकड़े के पार पहुंचा दिया था। डेमोक्रेटिक पार्टी के 78 वर्षीय नेता बाइडन और पार्टी की भारतीय मूल की नेता 56 वर्षीय हैरिस दोनों 20 जनवरी को क्रमश: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद की कमान संभालेंगे। इस दौरान दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
बाइडन ने इस हिंसक घटना के एक दिन बाद ट्रंप समर्थक भीड़ को ‘घरेलू आतंकवादी’ बताते हुए उसकी निंदा की। इसी बीच ट्रंप ने एक बयान जारी कर कहा कि चूंकि चुनाव के नतीजों से मैं पूरी तरह से असहमत हूं और इस तथ्य पर कायम हूं, इसके बावजूद 20 जनवरी को सुव्यवस्थित तरीके से सत्ता का हस्तांतरण होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को फिर से महान बनाने की लड़ाई की यह महज शुरुआत है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव में धांधली के आरोपों को दोहराया।