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टाउनशिप में मटमैले पेयजल को लेकर बीएसपी प्रबंधन और जिला प्रशासन आमने सामने

by admin

दुर्ग भिलाई / भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा टाउनशिप में शुद्ध जल की आपूर्ति के मुद्दे पर बीएसपी प्रबंधन और जिला प्रशासन में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है। टाउनशिप में मटमैला पानी  सप्लाई को लेकर बीएसपी प्रबंधन ने जिला प्रशासन के सर पर ठीकरा फोड़ा था कि जल संंसाधन द्वारा तांदुला जल संसाधन से गंदा पानी छोड़ा गया था जिसके कारण टाउनशिप में मटमैला पानी सप्लाई हुआ था और अभी जल संसाधन द्वारा जितना पानी सप्लाई के लिए मांग गई गई थी उससे काफी कम मात्रा में पानी छोड़ा गया था जिसके कारण मरोदा डेम में पानी कम होने से नीचे का पानी आने से गंदा पानी मरोदा टैंक में आने से फिर मटमैला पानी वाली स्थिति उत्पन हो सकती है। इस पर  कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बीएसपी प्रबंधन के प्रति सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए बीएसपी प्रबंधन को इस संबंध में पत्र लिखकर  कहा है कि बीएसपी टाउनशिप के रहवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना बीएसपी प्रबंधन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जब टाउनशिप से साफ पेयजल को लेकर लोगों ने शिकायत की तो प्रशासन ने बीएसपी  प्रबंधन को इसे ठीक करने निर्देश दिया था और यह कहा गया था कि बगैर फिल्टर प्लांट को अपडेट किये शुद्ध पेयजल की व्यवस्था को पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है, इसके बावजूद फिल्टर प्लांट को अपडेट करने की दिशा में अब तक कुछ भी ठोस निर्णय प्रबंधन द्वारा नहीं लिया गया है। बीएसपी प्रबंधन ने मरोदा टैंक में खरखरा जलाशय से जलापूर्ति पर सवाल उठाये तो गंगरेल से जलापूर्ति सुनिश्चित की गई।
            मरोदा टैंक देखने पहुंचे निगम आयुक्त तो दिखा पानी भरपूर और पूरी तरह साफ गंगरेल की नहर पूरी क्षमता के साथ मरोदा टैंक को पानी सप्लाई कर रही है और जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जलाशय की पूर्ण भराव क्षमता का 47 प्रतिशत भरा हुआ है। यह आपूर्ति 21 दिनों के लिए बीएसपी एवं भिलाई टाउनशिप में पानी देने पर्याप्त है। आज भिलाई निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी एवं जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता सुरेश पांडेय ने जाकर मरोदा टैंक भी देखा। यहाँ पानी बिल्कुल साफ है। इससे स्पष्ट है कि आधुनिक पैमानों के मुताबिक अपडेट नहीं होने के कारण और काफी पुराना होने की वजह से बीएसपी का जलशोधन संयंत्र शुद्ध जल के मानकों में पूरी तरह खरा नहीं उतर रहा।
            बीएसपी प्रबंधन को चाहिए कि समस्या की जड़ पर काम करें। फिल्टर प्लांट को तुरंत अपडेट करने की कार्रवाई आरंभ करें तथा इस कार्रवाई के पूरे होने तक शुद्ध जल प्रदाय का ऐसा सिस्टम तैयार करे जिससे लोगों को साफ पेयजल मिल सके। टाउनशिप के परिवारों के प्रति बीएसपी प्रबंधन की बड़ी जिम्मेदारी है और ऐसे में जिम्मेदारी के निर्वाह के लिए जब तक ठोस और प्रभावी कदम नहीं उठाये जाएंगे, नागरिकों में असंतोष बना रहेगा। यह स्थिति प्रशासन द्वारा स्वीकार्य नहीं होगी। कलेक्टर ने इस संबंध में ठोस निर्णय और कार्ययोजना को लेकर अवगत कराने के निर्देश बीएसपी प्रबंधन को दिये हैं।
                    टाउनशिप में अभी भी नही हो रहा साफ पानी की सप्लाई टाउनशिप में अभी भी शुद्ध और साफ पानी की सप्लाई नही हो रही है। हालांकि बीएसपी प्रबंधन हमेशा यह दलील देते रहा है कि पानी जो सप्लाई हो रहा  है वह शुद्ध है जबकि पानी मटमैला आने के साथ ही जब पानी को अगले दिन देखने पर बर्तन में नीचे मिट्टी जमा हुआ और लार जैसा दिखाई दे रहा है। इसके कारण बीएसपी प्रबंधन द्वारा सप्लाई किये जा रहे पानी पीने से लोग डरे हुए है कि कही जलजनित बीमारी न हो जाये इसलिए 95 प्रतिशत लोग केवल उससे निस्तारी का कार्य कर रहे है और 95 प्रतिशत लोग मिनरल वाटर खरीद कर पानी पी रहे है और इसके कारण लोगों के घर का बजट बिगड़ रहा है जबकि बीएसपी प्रबंधन  पानी सप्लाई का अच्छा खासा चार्ज ले रहा है। इसके बावजूद भी साफ एवं शुद्ध पानी सप्लाई नही प्रदाय नही कर रहा है।
कहीं दाल में काला तो नही
            अब जगह जगह चौराहों पर ये चर्चा होने लगी है कि बीएसपी प्रबंधन पेयजल सप्लाई को ठेका में दे दिया है और ठेकेदार द्वारा बीएसपी प्रबंधन के जल विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर पानी को शुद्ध करने के लिए रूपये बचाने सही मात्रा में फिटकरी सहित अन्य सामग्रियों का उपयोग नही कर रहा है, इसके साथ ही जार में प्राईवेट पानी सप्लाई करने वालें से कमीशन बेस पर सेंटिंग कर लिया गया है कि शुद्ध और साफ पानी नही सप्लाई होने के कारण लोग मजबूरी में प्राईवेट पानी सप्लाई करने वालों से पानी खरीदकर पियेंगे। इसके कारण बीएसपी के जल विभाग के अधिकारियों को दोहरा लाभ हो रहा है।

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