रायपुर  / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी की जयंती ’सद्भावना दिवस’ के मौके पर आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों के जीवन में नया सबेरा लेकर आई है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी का नाम छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए नई आशा का भी पर्याय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना इस वित्तीय वर्ष के अंत तक अमल में आ जाएगी। वर्ष 2021-22 के राज्य के बजट में इस योजना को शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपए देने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 10 लाख ग्रामीण भूमिहीन मजदूर लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में राज्य के धान एवं गन्ना उत्पादक करीब 21 लाख किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1522 करोड़ रूपए आदान सहायता के दूसरी किश्त की राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया। इस राशि में से धान उत्पादक किसानों के खाते में 1500 करोड़ रूपए और गन्ना उत्पादक किसानों के खाते में 22 करोड़ तीन लाख रूपए की राशि अंतरित की गई। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों एवं संग्राहकों से क्रय किए गए गोबर तथा गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को कुल 9 करोड़ 03  लाख रूपए की राशि का भी ऑनलाईन अंतरण किया। इस राशि में से गोबर खरीदी के एवज में पशु पालकों और संग्राहकों को 01 करोड़ रूपए, स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 02 करोड़ 55 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 05 करोड़ 48 लाख रूपए का भुगतान शामिल है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने भिलाई निगम क्षेत्र के अंतर्गत राजीव आश्रय योजना के हितग्राहियों को पट्टे भी वितरित किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक भारत के प्रणेता जन-जन के प्रिय प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी का जन्मदिवस वंचित, शोषित, पिछड़े लोगों के लिए आशा का दिन है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 21 मई को राजीव जी के शहादत दिवस पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किस्त 1525 करोड़ रूपए की राशि किसानों के खाते में अंतरित की गई थी। आज इस योजना की दूसरी किस्त की राशि अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हित को सर्वोपरि माना है। नई सरकार के गठन के तत्काल बाद किसानों की कर्ज माफी, सिंचाई कर की माफी, बिजली बिल हॉफ करने का निर्णय लिया गया। बीते ढाई सालांे में धान के समर्थन मूल्य के रूप में किसानों को अब तक 46 हजार 640 करोड़ रूपए तथा फसल उत्पादकता आदान सहायता रूप में 12 हजार 500 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया, जिससे किसानों का जीवन खुशहाल हुआ है। छत्तीसगढ़ में फसल का लाभदायक का मूल्य मिलने से किसानों की खेती के प्रति रूचि बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 में किसानों से रिकॉर्ड 92 लाख टन धान की खरीदी गई और इस वर्ष लगभग एक करोड़ टन से अधिक धान खरीदी की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि खरीफ वर्ष 2021-22 में धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9000 रू. प्रति एकड़ आदान सहायता दी जायेगी। कोदो-कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3000 रू. प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने धान विक्रय एमएसपी पर किया था, वह यदि धान के बदले कोदो कुटकी, गन्ना अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं, अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उसे प्रति एकड़ 9000 रू. के स्थान पर 10,000 रू. प्रति एकड़ इन्पुट सबसिडी दी जायेगी। वृक्षारोपण करने वालों को 3 वर्षों तक अनुदान दिये जाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों को रियायती दर पर उच्च क्वालिटी की ब्रांडेड कंपनियों की जेनेरिक मेडिसिन उपलब्ध कराने के लिए श्री धनवंतरी योजना पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्षों से लंबित नये जिला निर्माण की मांग के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए पांच नये जिलों का गठन किया है। वर्ष 2020 में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का और 15 अगस्त 2021 को मोहला-मानपुर-चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती और मनेन्द्रगढ़ के गठन की घोषणा की गई है।
राज्यसभा सांसद श्री पी.एल.पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जन आकांक्षाओं के अनुरूप काम कर रही है। सरकार के प्रति लोगों की आस्था और विश्वास बढ़ा है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी का यह कहना था कि भारत की आत्मनिर्भरता किसानों पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ सरकार इसी उद्देश्य को लेकर काम कर रही है। प्रदेश सरकार किसानों को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने का हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि प्रदेश समृद्ध और खुशहाल बने। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पिछले वर्ष किसानों को 5702 करोड़ रूपए की आदान सहायता चार किस्तों में दी गई थी। इस वर्ष किसानों को दो किस्तों में 3047 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। तीसरी किस्त का भुगतान राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को और वित्तीय वर्ष के अंत में चौथी किस्त का भुगतान किया जाएगा। श्री चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत संग्राहकों से अब तक 49.54 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है और उन्हें लगभग 99 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। गोधन न्याय योजना के प्रारंभ होने से अब तक महिला स्व सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रूप में 20 करोड़ रूपए और गौठान समितियों को 30 करोड़ 76 लाख रूपए राशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस योजना से 49 प्रतिशत महिलाएं और 78 हजार से अधिक भूमिहीन लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गौठान अब गांवों में ग्रामीण रोजगार का केन्द्र बन गए हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, राज्यसभा सांसद द्वय श्रीमती छाया वर्मा और श्रीमती फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकारद्वय श्री विनोद वर्मा और श्री रुचिर गर्ग, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.एम.गीता, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। राज्यसभा सांसद श्री पी. एल. पुनिया, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री मोहन मरकाम वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में शामिल हुए।