इसी का एक उदाहरण उत्तर बस्तर कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के छोटे से गांव कोड़ेकुर्से के पास कोटरी नदी में बना उच्च स्तरीय पुल है, जिसने लगभग 40 गांवों के हजारों ग्रामीणों का जीवन आसान बना दिया है। राज्य सरकार ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए लगभग 10 करोड़ 83 लाख रूपये की लागत से इस पुल का निर्माण कराया है। इसके साथ ही पुल को जोड़ने के लिए एप्रोच रोड भी बनाई जा रही है।

पहले कोड़ेकुर्से क्षेत्र के ग्रामीणों को नवनिर्मित उच्च स्तरीय पुल के ऊपरी हिस्से में बने एनीकट के सहारे आना-जाना करना पड़ता था, जो हमेशा जोखिम भरा होता था। यहां पिछले वर्षों में कई दुर्घटनाएं भी यहां हुई हैं। पुल बन जाने से ग्रामीणों को जोखिम से आजादी मिल गई है। अत्यधिक वर्षा के कारण नदी में बाढ़ आने से क्षेत्र के ग्रामीण ब्लॉक मुख्यालय दुर्गूकोंदल से भी लगभग कट जाते थे। पुल बन जाने से यह ग्रामीणों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। बारिश के दिनों में अन्य क्षेत्रों से कट जाने की उनकी समस्या भी अब खत्म हो गई है। पुल के बन जाने सेे न सिर्फ ग्रामीणोें को आवागमन की सुविधा मिलने लगी है, बल्कि यहां व्यवसायिक गतिविधियां भी बढ़ने लगी हैं।

राज्य सरकार द्वारा इस अंचल में लगभग 07 करोड़ रूपये की लागत से कोड़ेकुर्से-जाड़ेकुर्से-ओटेकसा (मदनवाड़ा) 15 किलोमीटर सड़क का भी निर्माण किया गया है, जो राजनांदगांव जिला के मानपुर को जोड़ती़ है। यह क्षेत्र चारों तरफ से नदी-नालों से घिरा हुआ, आवागमन के लिए साधनविहीन तथा बेहद संवेदनशील क्षेत्र रहा है। सड़क बन जाने से लोगों को आवागमन की सुविधा मिलने के साथ ही यहां व्यापारिक गतिविधियों में भी वृद्धि हुई है। सरकार द्वारा बड़गांव से कोड़ेकुर्से व्हाया हामतवाही-करकापाल मार्ग का भी निर्माण कराया गया है। इसके बनने से 17 गांवों के ग्रामीणों को फायदा पहुंचा है। संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण सड़क और उसके बीच आने वाले पुल-पुलियों का निर्माण अर्द्धसैनिक बलों की सुरक्षा में किया गया है। दुर्गूकोंदल- बम्हनी-अमोड़ी मार्ग जो पहले तीन मीटर चौड़ा था, उसे 5.5 मीटर चौड़ा किया गया है, इसके जीर्णाेद्धार से 09 गांव के लोग लाभान्वित हो रहे हैं।