प्रदेश में चुनावी घमासान से पहले सपा-रालोद गठबंधन ने मेरठ में परिवर्तन संकल्प रैली कर अपनी जमीनी ताकत दिखा दी। सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख चौधरी जयंत सिंह ने चुनावी हुंकार भरते हुए ‘योगी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया’। अखिलेश ने आत्मविश्वास से भरे लहजे में कहा ‘पूरब से खदेड़ा हो गया है…सुन लो अब पश्चिमी उप्र में भाजपा का सूरज डूब जाएगा, वो भी सदा के लिए’। मोदी-योगी पर तंज कसते हुए कहा कि ‘डबल इंजन की सरकार के दोनों इंजन टकराकर फेल हो गए हैं’। प्रदेश में ठोकोराज चल रहा है, और यहां सरकार किसानों पर भी जीप चढ़ा देती है। अखिलेश यहीं नहीं रूके, बोले-‘चिलमजीवी उप्र का विकास नहीं कर सकते। जो पलायन की बात करते हैं वह खुद ही पलायन करके आए हैं।’ घोषणा की कि ‘गठबंधन की सरकार सत्ता में आई तो किसानों के लिए अलग बजट बनेगा’।
अखिलेश यादव भाजपा पर चौतरफा हमला करने में मूड में नजर आए। कहा- ‘जो पैदा करे खाई, वही भाजपाई..’ जिस पर तालियां गडग़ड़ा उठीं। तंज कसा कि भाजपा नफरत की राजनीति करती है, जबकि हम सभी को साथ लेकर चलते हैं। भीड़ में सपा कार्यकर्ताओं की लाल, रालोद की हरी और सुुुुभासपा की पीली टोपी पर कहा कि…’हम गुलदस्ते में सभी रंग सजाने वाले हैं, जबकि वो एकरंगी लोग हैं, जो समाज का भला नहीं कर पाएंगे’।
योगी सरकार के विकास के दावों पर तंज करते हुए कहा कि…’जैसे फिल्मी घोड़ा हिलता डुलता है, लेकिन दौड़ता नहीं, वैसे ही सीएम योगी का विकास है। इसमें सिर्फ जुमला और प्रचार है’। चप्पल वालों को हवाई उड़ान की सुविधा दे रहे थे, लेकिन तेल की महंगाई से अब जनता बाइक तक नहीं चला पा रही है। महंगाई दोगुनी हुई, और कमाई आधी…कहां जाएगी जनता। डीजल, खाद, कीटनाशक सब महंगा हो गया।
अखिलेश ने 20 मिनट के संबोधन में किसानों और नौजवानों का मसला कई बार उठाकर भाजपा सरकार को घेरा। कहा…’इन्होंने एयरपोर्ट, बंदरगाह, जहाज, ट्रेन और संस्थाओं तक को बेच डाला’। सब बेचेंगे तो रोजगार कहां से देंगे। हां, रोजगार मांगने वालों को ‘लाठी जरूर मिल जाएगी’। सपा प्रमुख ने तीन कृषि कानूनों की वापसी पर कहा कि ‘किसानों ने सरकार को चित्त कर दिया है’। अखिलेश ने चौधरी चरण सिंह, बाबा साहब टिकैत एवं छोटे चौधरी (अजित सिंह) का जिक्र करते हुए किसानों से भावनात्मक तार जोड़ा। कहा कि बुलडोजर चलाने वाले बुल…यानी बेसहारा पशुओं को नहीं संभाल पाए।
आप सभी को मेरी राम राम, के साथ अपना संबोधन शुरू करते हुए रालोद प्रमुख चौधरी जयंत सिंह ने सीमा पर जान न्यौछावर करने वाले जवानों और किसानों का जिक्र करते हुए भावनात्मक तार जोड़ा। इसके बाद भाजपा पर हमलावर हुए। ‘सपा के साथ गठबंधन की घोषणा’ करते हुए भरोसा दिया कि उनकी सरकार प्रदेश की सूरत बदल देगी। कहा.. ‘सीएम योगी औरंगजेब से भाषण शुरू करते हैं, कैराना पलायन पर ठहर जाते हैं। उनकी बनाई सड़क नारियल फोडऩे से टूट जाती है’।
जयंत ने अखिलेश को इंजीनियर और विज्ञान की भाषा समझने वाला बताया। कहा कि ‘यूपी में नौकरी से पहले पेपर आउट’ हो जाता है। नौकरी मांगने पर युवकों पर लाठीचार्ज होता है। सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ‘बछड़ों से प्यार है, इसलिए जल्द सीएम हाउस से उन्हें गोरखपुर भेज दिया जाएगा’। वे बोले, ‘गठबंधन की सरकार बनी तो आंदोलन के दौरान शहीद किसानों की याद में मेरठ में स्मारक बनाएंगे।’ 100 प्याज भी खा लिए, 100 जूते भी : कृषि कानून की वापसी के संदर्भ में रैली में जयंत ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा, ‘कुछ दिन पहले मेरठ में एक चोर पकड़ा गया। उसकी गाड़ी में बीजेपी का झंडा लगा था। उसे सजा के तौर पर दो विकल्प रखे गए, 100 प्याज खा लो या 100 जूते। उसने सोचा प्याज खा लेता हूं।
30-40 प्याज खाए तो आंसू निकल आए। फिर उसने कहा कि प्याज बहुत हो गया, जूते दे दो। फिर थोड़े जूते खाए तो कहा कि चोट लग रही है, प्याज खिला दो। ऐसा ही कुछ हाल केंद्र सरकार बीजेपी का भी हो रहा है। 100 प्याज भी खा लिए, 100 जूते भी। दाढ़ी भी बनवानी पड़ गई।’ लखनऊ अदब का और मेरठ गजब का शहर जयंत सिंह ने मेरठ को क्रांति की भूमि बताते हुए कहा कि जब भी देश पर संकट आया, यहां के बेटे-बेटियों ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला। जिस गांव की भूमि पर रैली हो रही है उसी के सपूत शहीद मामचंद भारत पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए थे।
मेरठ को पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह की कर्मभूमि बताया। कहा कि ‘लखनऊ अदब का शहर है, जबकि मेरठ कई खूबियों वाला शहर है’। कहा कि इस पार्टी में शुरुआत में जो ‘घोड़े थे, अब उन्हें खच्चर बना दिया गया’। आंखों में पट्टी बांध दी गई। तीन कृषि कानून वापस लेने पर चुटकी ली। कहा कि भाजपा को बिल वापसी का कोई फायदा नहीं होने वाला है। किसानों ने निर्णय ले लिया है।