नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी सीमा पर वर्तमान स्थिति और पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों पर संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पूर्ण चर्चा की मांग करेगी। संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में हुई कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन संविधान और संसदीय नियमों का उल्लंघन है तथा सरकार का यह कदम अप्रत्याशित एवं निलंबन अभूतपूर्व और अस्वीकार्य है।
हम निलंबित सांसदों के साथ एकजुटता से खड़े हैं। बैठक में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत तमाम नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्षा ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने नगालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों के मारे जाने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटना पर सरकार का अफसोस जताना पर्याप्त नहीं है, बल्कि आगे ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए उसे ठोस कदम उठाने चाहिए।
कोविड-19 रोधी टीकाकरण का उल्लेख करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी को टीकों की दोनों खुराक देने के लिए प्रयास तेज होने चाहिए। उन्होंने संसद में किसानों से जुड़े मुद्दों और जनहित के अन्य विषयों पर चर्चा किए जाने पर जोर दिया। सोनिया गांधी ने चीन के साथ सीमा पर लंबे समय से चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में कहा कि इस सत्र में कांग्रेस सीमा पर स्थिति और पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों पर पूर्ण चर्चा की मांग करेगी।
खबरों के मुताबिक सोनिया गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जिन 700 किसानों ने जान गंवाई है, चलिए उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी से जुड़ी किसानों की मांग का समर्थन करती है और किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। मोदी सरकार किसानों और आम लोगों के प्रति असंवेदनशील है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रही वृद्धि से हर परिवार का मासिक बजट बिगड़ गया है।