आर्थराइटिस या गठिया, जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनने वाली एक सामान्य समस्या है। इंफ्लामेंशन की प्रतिक्रिया में शरीर द्वारा उत्पन्न रसायन अक्सर सूजन का कारण बनते हैं। गठिया से पीड़ित लोगों को सामान्य गतिविधियों को करने में भी दर्द का अनुभव होता रह सकता है। सामान्य तौर पर जीवनशैली की गड़बड़ आदतों को गठिया का प्रमुख कारण माना जाता है, इसके अलावा कुछ लोगों में इसका आनुवांशिक जोखिम भी हो सकता है। गठिया की समस्या आपके सामान्य कामकाज को प्रभावित कर देती है, ऐसे में सभी लोगों को इससे बचाव के निरंतर उपाय करते रहने चाहिए।
शरीर का वजन बढ़ना : आपका बढ़ा हुआ वजन सिर्फ हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियां ही नहीं, आर्थराइटिस की समस्या का भी कारण हो सकता है। हाल के शोध से पता चलता है कि 30 या उससे अधिक के बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले लोगों में रूमेटाइड आर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है। वजन अधिक होने से, विशेषकर पैर के घुटनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ने लगता है जिसके कारण गठिया की समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। वजन को नियंत्रित रखना कई मायनों में आपके लिए आवश्यक है।
धूम्रपान : धूम्रपान को सबसे हानिकारक आदतों में से एक माना जाता है, इसके कारण गठिया की समस्या बढ़ सकती है। एक स्वीडिश अध्ययन से पता चलता है कि रूमेटाइड आर्थराइटिस के एक तिहाई मामलों के लिए धूम्रपान को प्रमुख कारक माना जा सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान, गठिया की कुछ दवाओं की प्रभावशीलता को भी कम कर सकता है। यह अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ों के दर्द में वृद्धि का भी कारण बनता है। सभी लोगों को इस आदत से बिल्कुल दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
ऊंची एड़ी वाली सैंडिल या खराब जूते पहनना : ऊंची एड़ी वाली सैंडिल को फैशन का सूचक माना जाता है, हालांकि यह आपके लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे सैंडिल पैरों को एक अजीब स्थिति में रखती हैं जो जोड़ों पर जोर पड़ने का कारण बन सकती है। इसके अलावा अगर आपके जूते की गुणवत्ता ठीक नहीं है तो इससे भी गठिया की समस्याओं के बढ़ने का जोखिम हो सकता है।