नई दिल्ली । भाजपा ने कर्नाटक में सिर्फ उम्मीदवारों के चयन के लिए ही गुजरात का फॉमूर्ला नहीं अपनाया है बल्कि रिकॉर्ड तोड़ सीट जीतकर सरकार बनाने के लिए भी गुजरात के ही फॉमूर्ले को अपना लिया है। भाजपा ने राज्य में अपने लिए अब तक की सबसे बड़ी जीत ( 150 से ज्यादा सीट) हासिल करने का लक्ष्य रखा है और अगर भाजपा यह टारगेट हासिल कर पाती है तो यह गुजरात की जीत की तरह ही एक नया रिकॉर्ड कायम कर देगा।
भाजपा ने राज्य में 100 के लगभग उन सीटों को खासतौर से चुना है जिन पर भाजपा 2018 के विधान सभा चुनाव में जीतते-जीतते रह गई थी और अब इन सीटों पर वर्तमान में कांग्रेस या जेडीएस का कब्जा है। कुछ कमजोर सीटों को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है। पार्टी ने इन कमजोर सीटों पर विजय दिलाने के लक्ष्य के साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, झारखंड और दिल्ली से लेकर आंध्र प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के अपने 60 नेताओं को कर्नाटक की इन सीटों पर अगले एक महीने तक के लिए तैनात कर दिया है।
इन 60 नेताओं को पार्टी ने दोहरी जिम्मेदारी दी है। इन्हें खासतौर से विधान सभा की उन सीट या सीटों पर पार्टी को जीत दिलाने के लिए काम करना है, जिसकी जिम्मेदारी इन्हें दी गई है। ये नेता अपने-अपने प्रभाव वाली सीटों पर कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात कर चुनावी एजेंडे और जनता के मूड को लेकर फीडबैक लेंगे और उस आधार पर चुनाव प्रचार की रणनीति और बड़े नेताओं के दौरे, रोड शो और रैलियों की जरूरत के लिए संगठन को बताएंगे। इन्हें खासतौर से उन कॉलोनियों और मोहल्लों पर भी फोकस करने को कहा गया है, जहां से पार्टी को वोट मिलने की संभावना बन सकती है। इसके साथ ही इन नेताओं को विधान सभा सीट वाले जिले की अन्य विधान सभाओं की निगरानी की भी जिम्मेदारी दी गई है।