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राज्यसभा में उठा अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मुद्दा

by Aditya Kumar

नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार को आखिरी दिन है। आज भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी जारी है। अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मुद्दा गर्माया है। विपक्ष दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. के नेता कांग्रेस नेता के बचाव में हैं।

राज्यसभा में उठा अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मुद्दा

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का मुद्दा उठाते हुए कहा, “उन्हें मामूली आधार पर निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने सिर्फ ‘नीरव मोदी’ कहा था। नीरव का मतलब शांत, मौन है। आपने उन्हें इस बात पर निलंबित कर दिया?”

विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया। पीएम मोदी के भाषण के बाद ध्वनि मत से इसे खारिज कर दिया गया। विपक्ष इससे पहले ही सदन छोड़कर चला गया था। पीएम ने मणिपुर पर भी अपनी बात रखी, लेकिन इसकी मांग करने वाला विपक्ष इसे सुनने के लिए सदन में मौजूद नहीं था। अफसोस की बात है कि उन्होंने संसद के आखिरी दिन एक अच्छे सदस्य को निलंबित कर दिया। – एनसी सांसद फारूक अब्दुल्ला

अधीर रंजन चौधरी लोकसभा से अनिश्चितकाल के लिए निलंबित

अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान पीएम मोदी से पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपनी बात रखी। उनके कुछ बयानों पर विवाद हुआ और उन्हें लोकसभा से अनिश्चित काल तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। उनके निलंबन को फिलहाल तब तक जारी रखने का फैसला लिया गया है, जब तक लोकसभा की विशेषाधिकार समिति उनके मामले की जांच कर रिपोर्ट सदन को नहीं दे देती है।

अधीर रंजन चौधरी मुद्दे पर सोनिया ने बुलाई बैठक

अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर चर्चा के लिए सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार सुबह 10.30 बजे कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। बैठक संसद स्थित सीपीपी कार्यालय में होगी। मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा, जो प्रधानमंत्री या फिर सदन की गरिमा के खिलाफ था। मैंने महाभारत के कुछ उदाहरण दिए थे, लेकिन मेरी बात को ठीक तरीके से न समझा जाए और उसकी गलत व्याख्या की जाए तो वे क्या कर सकते हैं। मैंने प्रधानमंत्री का अपमान करने के लिए कुछ नहीं बोला। मैंने तो कुछ नजीर दी थीं।

अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई

यह कार्रवाई सदन में गलत आचरण और देश की छवि को गलत तरीके से पेश करने के लिए की गई। उन पर सदन की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डालने का आरोप भी सत्ता पक्ष ने लगाया। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान चौधरी ने सदन में पीएम सहित सरकार के खिलाफ कई आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी। सरकार की आपत्ति के बाद इनमें से कई अंशों को तुरंत ही कार्यवाही से हटा दिया गया।

 

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