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G 20 प्रतिनिधियों ने गंगा और वरुण नदी से घिरे ऐतिहासिक रत्न सारनाथ का किया दौरा

by Aditya Kumar

नई दिल्ली । भारत की अध्यक्षता में G 20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की चौथी बैठक में G 20 सदस्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मसौदा घोषणा पर चर्चा आज वाराणसी में शुरू हुई। संस्कृति मंत्रालय के सचिव और जी 20 सीडब्ल्यूजी के अध्यक्ष गोविंद मोहन ने कहा, यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि संस्कृति विकास के लिए नए, अधिक समावेशी दृष्टिकोण को मजबूत करेगी, साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में हमारे संपूर्ण दृष्टिकोण को भी नया आकार देगी और इस प्रकार यह मूल जी 20 जनादेश को भी दर्शाती है। सचिव ने यह कहकर संस्कृति की एकजुट शक्ति पर प्रकाश डाला कि संस्कृति का सार्वभौमिक कैनवास साझा मानव यात्रा का प्रतीक है, जो वैश्विक मित्रता की हमारी भावना को मजबूत करता है। जी 20 सीडब्ल्यूजी के अध्यक्ष ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा हासिल की गई असाधारण उपलब्धि की भी सराहना की, जो अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भारत की बढ़ती शक्ति को रेखांकित करता है। जी 20 सदस्यों ने चंद्रमा पर सफल मिशन के लिए भारत को बधाई भी दी। स्वागत भाषण के बाद, संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव और जी 20 सीडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्ष सुश्री लिली पाण्‍डेय ने खजुराहो में पहली बैठक के बाद से सीडब्ल्यूजी की प्रक्रिया की संक्षिप्त जानकारी के साथ इंट्रोडक्ट्री रीमार्क दिया। पहली दो संस्कृति कार्य समूह की बैठकों ने सीडब्ल्यूजी को सदस्यता में कामकाजी गतिशीलता बनाने में सक्षम बनाया है, जो वैश्विक विषयगत वेबिनार के परिणामों से समृद्ध हुआ था। हम्पी में तीसरा संस्कृति कार्य समूह एक महत्वपूर्ण क्षण था जिसने सीडब्ल्यूजी के कार्य पथ को आकार दिया और सामूहिक कार्रवाई और कामकाजी दस्तावेजों को आकार देने की प्रतिबद्धता को मजबूत किया।

 

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