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उदयनिधि स्टालिन की विवादित टिप्पणी पर बढ़ा विवाद

by Aditya Kumar

नई दिल्ली.  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। ऐसे में, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने अपने नेता के बचाव में सफाई पेश की है। उसका कहना है कि बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।

डीएमके के संयुक्त सचिव और प्रवक्ता सरवनन अन्नादुरई ने कहा कि उदयनिधि के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि एक समाचार पत्र ने लिखा है कि उदयनिधि स्टालिन ने नरसंहार के लिए कहा था। यदि प्रधानमंत्री ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ कहते हैं, तो क्या वह नरसंहार का आह्वान करते हैं?

उन्होंने कहा कि वे कैसे कह सकते हैं कि उदयनिधि स्टालिन ने नरसंहार का आह्वान किया है? यह फर्जी खबर है। उन्होंने कहा कि जो लोग फर्जी खबरें और नफरत फैला रहे हैं उन्हें जवाब देना होना। अन्नादुरई ने कहा कि जब हम कहते हैं कि हम ‘सनातन धर्म’ को खत्म करना चाहते हैं तो इसका मतलब है कि हम कठोर जाति व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं।

आरजेडी नेता ने लिया पक्ष

वहीं, राज्यसभा सांसद और आरजेडी नेता मनोज झा ने स्टालिन का पक्ष लेते हुए कहा कि मैं समझता हूं कि कभी-कभी हम लोगों को प्रतीक मुहावरों के अंदर जाकर सोचना होगा।तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना होगा। खेल विकास मंत्री ने आगे कहा कि सनातन नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है।

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