*छत्तीसगढ़ को कांग्रेस का एटीएम बनाने वाले भूपेश बघेल जांच के लिए तैयार रहें क्योंकि अब राहुल भी छुड़ा रहे पल्ला – रिकेश सेन*
भिलाई नगर, 21 नवंबर। अडानी ग्रुप द्वारा राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य में इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी जो कि स्टेट की प्रापर्टी थी, उसके एमओयू में रिश्वतखोरी के मामले में आज राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की है। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं यदि किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री से या उनके पूर्व नेता से भी पूछताछ हो लेकिन अडानी की गिरफ्तारी होनी चाहिए। आपको बता दें कि इस मामले में जो रिपोर्ट आई है उसमें राज्य सरकार ने इकोनोमिक फोरम में जो एमओयू साइन किया है उसमें ब्राइब लेन देन की संलिप्तता सामने आई है। भूपेश बघेल ने भी राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को X हेंडल पर पोस्ट कर उनकी मांग को सही ठहराते हुए केंद्र सरकार को दोषी माना है।
आज के इस घटनाक्रम पर वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने कहा है कि राहुल गांधी द्वारा अडाणी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी केस का जिक्र करते हुए छत्तीसगढ़ में भी जांच की मांग की गई है। यह वही राज्य है जिसे भूपेश बघेलजी ने कभी कांग्रेस का “एटीएम” बना दिया था। अब सरकार जाने के बाद लगता है राहुल गांधी का भरोसा भी भूपेश बघेल पर से उठ चुका है। भूपेशजी को समझना होगा कि खेल बड़ा हो चुका है। सवाल अब सीधे उनसे ही पूछे जाएंगे इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री तैयार हो जाएं क्योंकि इस बार उनको उनकी पार्टी भी मदद नहीं करने वाली है। श्री सेन ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी स्टेट की प्रॉपर्टी होती है। जब एमओयू हुआ तो स्टेट गवर्नमेंट की छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार थी। कांग्रेस पार्टी की भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ में उस समय मौजूदा डॉक्यूमेंट्स में भी है और आज राहुलजी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं यदि किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री से या उनके पूर्व नेता से पूछताछ हो, तो ठीक है भूपेश बघेल जवाब के लिए तैयार रहें।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर अपने X हेंडल पर कहा है कि यूएस की कोर्ट ने अडानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर कहा है कि धन का विकेंद्रीकरण नहीं कर केंद्रीकरण करने के कारण से आज यदि अडानी गिरफ्तार होते हैं तो पूरा भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। यदि केंद्र सरकार सही जांच कर लेती तो आज यह स्थिति नहीं होती।