नई दिल्ली | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के बाद पहली बार, ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने इस विवादास्पद कदम पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा कि उन्हें इस कार्रवाई पर गर्व नहीं है। क्योंकि यह सही कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए माइक्रोब्लॉगिंग साइट की विफलता है। लेकिन यह ट्विटर के लिए सही निर्णय था।
निर्णय के पक्ष में जैक ने लिखा कि स्पष्ट चेतावनी के बाद ही ये कार्रवाई की गई और यह निर्णय ट्विटर पर और बंद दोनों पर शारीरिक सुरक्षा के लिए सबसे अच्छी जानकारी के साथ किया गया। लेकिन अब जब टेक कंपनी की कार्रवाई ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है, तो उन्होंने इसपर जवाब दिया है।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि “ट्विटर से ट्रंप को प्रतिबंधित करने पर हमें कोई गर्व नहीं है। एक स्पष्ट चेतावनी के बाद, हमने यह कार्रवाई करेंगे। हमने खतरों के आधार पर सबसे अच्छी जानकारी के साथ निर्णय लिया। क्या यह सही था?
बता दें कि यूएस कैपिटल में हुई भीषण हिंसा के बाद से ही ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया दिग्गजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आड़े हाथों लेते हुए उनके अकाउंट कुछ घंटों के लिए बंद करने की घोषणा की थी। हालांकि, फेसबुक ने ट्रंप के अकाउंट को अनिश्चितकाल तक बंद करने का ऐलान किया और अब आज शनिवार को माइक्रोब्लॉगिक साइट ट्विटर ने ट्रंप के अकाउंट को हमेशा के लिए ही बंद कर दिया है।
ट्विटर सेफ्टी ने इस संबंध में एक ब्लॉग ट्वीट किया है, जिसके मुताबिक भविष्य में किसी भी तरह की हिंसा भड़कने के जोखिम की वजह से डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर अकाउंट ‘@realDonaldTrump’ को हमेशा के लिए बंद किया जा रहा है। ट्विटर ने यूएस कैपिटल हिंसा के दिन ही ट्रंप के अकाउंट को 12 घंटे के लिए बंद कर दिया था और साथ ही यह भी कहा था कि अगर ट्रंप उकसाने वाले ट्वीट करने बंद नहीं करते तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा।
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