मुंबई। औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने के प्रस्ताव पर विवाद खड़ा हो गया है। महाराष्ट्र में साथ-साथ सरकार चला रही शिवसेना ने अपने सहयोगी कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष होने और नाम परिवर्तन का विरोध करने के लिए हमला किया है। “सामना” के एक संपादकीय में कहा गया है कि औरंगाबाद का नाम बदलने से धर्मनिरपेक्ष दलों के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है, क्योंकि नाम बदलने से मुस्लिम समाज नाराज होगा।
संपादकीय में लिखा गया है, “भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष था। औरंगजेब को अन्य धर्मों से सख्त नफरत थी। उसने सिखों और हिंदुओं पर अत्याचार किया। हमें उनके अवशेषों पर ध्यान क्यों देना चाहिए? औरंगजेब कौन था? कम से कम महाराष्ट्र को यह समझाने की जरूरत नहीं है। इसलिए एक सच्चे मराठी और कट्टर हिंदू व्यक्ति को औरंगज़ेब से लगाव होने का कोई कारण नहीं है।”
आगे लिखा है, “औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने को लेकर एक राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस जैसी सेक्युलर पार्टियां औरंगाबाद को संभाजीनगर का नाम देने के पक्ष में नहीं हैं। औरंगाबाद का नाम बदलने से मुस्लिम समाज नाराज हो जाएगा।यानी, अल्पसंख्यकों का उनका वोट बैंक प्रभावित होगा। इसका अर्थ यह है कि उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठाया जाएगा।”
महा विकास अगाड़ी (एमवीए) सरकार जिसमें शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), और कांग्रेस शामिल हैं, ने नवंबर 2020 में एक साल का कार्यकाल पूरा किया था। आपको बता दें कि चुनाव परिणाम सामने आने के बाद शिवसेना, भाजपा नीत एनडीए से बाहर हो गई। संपादकीय में आगे कहा गया है कि महाराष्ट्र में ऐसे लोगों का एक बड़ा वर्ग है जो नाम बदलने के पक्ष में हैं। आगे लिखा है, “क्या औरंगाबाद का नामकरण लोगों के विकास की समस्या को हल करता है? नाम बदलने का विरोध करने वाले इस तरह के मुद्दे को उठा रहे हैं। हालांकि, कम से कम महाराष्ट्र में औरंगजेब का कोई निशान नहीं रखा जाना चाहिए। लोगों का एक बड़ा वर्ग है, जो इसके पक्ष में हैं। औरंगज़ेब के आदेश पर, महाराष्ट्र के राजा संभाजी को मुगल सरदारों द्वारा प्रताड़ित और मार डाला गया और उनके शव को पुणे के पास सड़क पर फेंक दिया गया।” शिवसेना ने महाराष्ट्र के नेताओं से औरंगज़ेब के इतिहास को फिर से पढ़ने के लिए कहा।
‘संभाजीनगर’ का निर्णय एकमत से लिया जाएगा: आदित्य ठाकरे
आदित्य ठाकरे ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘हिंदू हृदयसम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का संभाजीनगर सबसे पसंदीदा शहर रहा है, इसलिए राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार संभाजीनगर पर निर्णय एकमत से लेगी। शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने जो सपना महाराष्ट्र को लेकर देखा है, वह हम पूरा करेंगे।’
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Very interesting subject, thanks for putting up.Leadership