पोषण से भरपूर इस फल में विटामिन्स, खनीज और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। अगर आम की तुलना दूसरे फलों से की जाए तो यह पौधों के यौगिकों और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद करते हैं। इस फल की पोटेशियम युक्त संरचना सोडियम को संतुलित करने में मदद कर सकती है और उच्च रक्तचाप को दूर रखती है, जिससे हृदय रोगों और स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है। लेकिन अगर इसे ज़रूरत से ज़्यादा खा लिया जाए, तो इससे साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
एलर्जी को ट्रिगर कर सकता है : आम एलर्जी पैदा करके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए आम हानिकारक हो सकते हैं, खासकर अगर कोई सिंथेटिक सामग्री के प्रति संवेदनशील है क्योंकि आम के प्रोटीन लेटेक्स के समान होते हैं और अंतर्निहित एलर्जी वाले लोगों के लिए असुविधा पैदा कर सकते हैं।
ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा सकता है : आम मीठे और स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन इन्हें खाते ही फौरन शुगर स्तर बढ़ जाता है, क्योंकि इसमें नेचुरल चीनी होती है | डायबिटीज़ के मामले में प्राकृतिक चीनी भी आम चीनी की तरह ही काम करती है। इसलिए आम ज़रूर खाएं लेकिन इसकी मात्रा पर भी ध्यान दें।
फाइबर की कमी : कई तरह के आम में फाइबर की मात्रा काफी कम होती है। आम की गुठली और छिलकों में सबसे ज़्यादा फाइबर होता है, जो आमतौर पर खाए नहीं जाते। इसलिए सिर्फ आम खा लेने से पाचन में मदद नहीं मिलेगी। यही वजह है कि आमतौर पर सलाह दी जाती है कि आम को फाइबर से भरपूर चीज़ों के साथ खाएं, ताकि पाचन सही रहे।
वज़न का बढ़ना : ज़्यादा आम खाने से आपका वज़न भी बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आम में फाइबर की मात्रा कम होती है, नेचुरल चीनी कहीं ज़्यादा और कैलोरी भी काफी ज़्यादा होती है, जिससे वज़न बढ़ने लगता है।
पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए : आम को सेवन अगर ज़रूरत से ज़्यादा कर लिया जाए, तो इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संकट पैदा हो सकता है, क्योंकि इसमें किण्वित कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो IBS यानी इरिटेबल आंत्र सिंड्रोम (IBS) को ट्रिगर कर सकते हैं और पाचन तंत्र को परेशान कर सकते हैं।