नई दिल्ली । मानहानी मामले में सूरत की अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को दोषी करार देकर दो साल की सजा सुनाई। हालांकि, राहुल की जमानत याचिका भी मंजूर कर ली गई। फिलहाल पूरे मामले को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलवार है। इस बीच केंद्रीय मंत्री और नेता राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। गोयल ने कहा कि राहुल गांधी हर लोकतांत्रिक संस्था की अवहेलना और अनादर करते हैं, चाहे वह संसद हो या न्यायपालिका। उन्होंने कहा कि उन्हें इस वंशवादी मानसिकता से बाहर आना चाहिए और यह महसूस करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति देश से बड़ा नहीं है, भारत के लोगों से बड़ा नहीं है, भारत के संविधान से बड़ा नहीं है और किसी को भी खुद को कानून से ऊपर नहीं समझना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि इस देश में हमारे पास उच्च सत्यनिष्ठा वाली संस्थाएं हैं जिनके कामकाज पर कभी किसी ने सवाल नहीं उठाया। दुर्भाग्य से, राहुल गांधी ने कभी भी उच्च संवैधानिक कार्यालयों का सम्मान नहीं किया, जिसमें उनके अपने पीएम डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यालय भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आपको याद है कि उन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार पर कैसे हमला किया था और तत्कालीन पीएम डॉ मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली पूरी कैबिनेट द्वारा लिए गए एक वैध निर्णय को फाड़ दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी से आग्रह करूंगा कि अगर वह सत्य और प्रेम की राजनीति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसा कि वे दावा करते हैं, तो उन्हें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि आज पीएम नरेंद्र मोदी भारत और दुनिया भर में सबसे प्यारे, प्रशंसित और सबसे भरोसेमंद नेता हैं।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि मुझे लगता है कि राहुल को अपने गैर-जिम्मेदाराना, अपमानजनक बयानों की श्रृंखला के लिए भारत के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।