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दीप्ति नवल ने फिल्म ‘गोल्डफिश’ में काम करने का अनुभव साझा किया…..

by Aditya Kumar

दीप्ति नवल इन दिनों अपनी आगामी फिल्म ‘गोल्डफिश’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में उनके साथ कल्कि केकलां भी नजर आएंगी। मानसिक सेहत से जूझ रहे किसी व्यक्ति या परिवार को पॉजिटिव सपोर्ट दिए जाने को बढ़ावा देना फिल्म का मूल विषय है। हाल ही में अल्जाइमर और संबंधित बीमारियों से पीड़ित परिवारों के लिए इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी गई। इस दौरान दीप्ति नवल और कल्कि ने फिल्म में काम करने का अनुभव साझा किया और साथ ही इस विषय पर जागरुकता फैलाने का महत्व भी बताया।

दीप्ति फिल्म में अपने किरदार से कैसे जुड़ीं, इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब फिल्म में किसी किरदार को अदा करने की बात आती है तो रील और रियल लाइफ में मां-बेटी के बीच की बॉन्डिंग और वह भाव लगभग एक समान होते हैं’। एक्ट्रेस ने आगे बताया, ‘गोल्डफिश में काम करने का अनुभव मेरा अपनी मां के साथ के अनुभव से जुड़ा हुआ ही रहा। मेरी मां अपने निधन से पहले वर्षों तक अल्जाइमर से पीड़ित रहीं। मैंने उन्हें इस तरह से देखा’।

दीप्ति नवल का कहना है कि एक प्रतिभाशाली और आपकी जिंदगी की कमांड संभालने वाले व्यक्ति को इस हाल में देखना वाकई दर्दनाक था। यह फिल्म डिमेंशिया और समाज में बुजुर्गों की देखभाल के विषय पर लगती है, लेकिन इससे अलग मैं इसे एक मां-बेटी के रिश्ते से जुड़ी फिल्म के रूप में देख रही हूं।

इस फिल्म को लेकर कल्कि ने कहा, ‘डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसे डिसऑर्डर से लड़ना आसान नहीं है। इस बीमारी से पीड़ित लोग अपनी पहचान तक भूलने लगते हैं। ऐसे मामलों में देखभाल करने वालों के लिए भी सबसे मुश्किल होती है, क्योंकि वे दो अलग-अलग जीवन जीते हैं। इसके अलावा ‘गोल्डफिश’ में मां-बेटी के बीच होने वाली सामान्य स्थितियों को भी दिखाया गया है’।

कल्कि केकलां ने आगे कहा कि फिल्म में एक बेहद संवेदनशील स्थिति को बेहद इमोशनल तरीके से दिखाया गया है। हमें उम्मीद है कि फिल्म देखने वाले हर व्यक्ति के चेहरे पर हम मुस्कान बिखेर पाएंगे। फिल्म का निर्देशन पुशन कृपलानी ने किया है। यह फिल्म 25 अगस्त को रिलीज होगी।

 

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