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*विधायक देवेन्द्र ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया जनहित के मुद्दे*

by Aditya Kumar

विधायक देवेन्द्र ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया जनहित के मुद्दे

शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के विषय पर सदन का कराया ध्यान आकर्षण

भिलाई.भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में जनहित के मुद्दों को प्रश्नकाल के अलावा सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से प्रमुखता से उठाया। विधानसभा सभा अध्यक्ष ने विधायक के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अनुमति प्रदान की थी ,लेकिन अन्य विषयों पर सदन में विस्तार से सार्थक चर्चा होने की वजह से प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती नहीं होने, गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा किसानों की सहमति के बिना बिछाई जा रही गैस पाइपलाइन और पीएम रिपोर्ट और पंचनामा के नाम पर पुलिस द्वारा अवैध वसूली के विषय पर सदन में चर्चा नहीं हो पाई।

विधानसभा सचिवालय से अध्यक्ष निर्देशानुसार उक्त विषयों का पत्र के माध्यम से जानकारी देने की सूचना उपलब्ध कराई है। विधायक यादव ने 25 जुलाई के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा था कि, दुर्ग जिले में गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा मुंबई -नागपुर से झारसुगुड़ा तक प्राकृतिक गैस पाइपलाइन बिछाई जा रही है । यह पाइपलाइन दुर्ग जिले के धमधा और दुर्ग विकासखंड के 21 गांव से होकर गुजरेगी । इससे करीब 881 किसान प्रभावित होंगे।जबकि इसी विषय के मेरे एक प्रश्न के जवाब में राजस्व मंत्री द्वारा जवाब दिया गया है कि पाइपलाइन से 748 किसान प्रभावित होंगे। फसल नुकसान का मुआवजा का प्रावधान है।
जबकि किसानों का आरोप है कि एजेंसी द्वारा किसानों को सूचना दिए बिना एवं सहमति पत्र में दबाव डालकर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं । गांव के केवल 4-5 किसानों के खाते में ही पैसा डालकर गुमराह किया जा रहा है। एजेंसी द्वारा प्रशासन की उपस्थिति में रबी सीजन में चना गेहूं की खड़ी फसलों को मशीन चलाकर पाइपलाइन बिछा दी गई थी। अब खरीफ फसल की बुवाई व रोपा लगाने के बाद एजेंसी द्वारा मशीन से गड्ढा खोदकर पाइपलाइन बिछाई जा रही है। इस तरह से किसानों के हक को छीनने का प्रयास किया जा रहा है।

हाल ही में ग्राम ढौर के किसान रघुवर दास द्वारा उनकी फसल पर मशीन चलाने का विरोध किए जाने पर पुलिस उन्हें थाने ले गई थी। जिससे गांव के किसानों में भारी रोष व्याप्त है।

इसी प्रकार 25 जुलाई को प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती नहीं होने की विषय पर शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षण कराया गया था ।जिसमें यह कहा गया है कि शिक्षा विभाग में 78000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। लोकसभा चुनाव के पूर्व और वर्तमान शासन द्वारा घोषणा पत्र में 57 000 शिक्षकों के पद पर भर्ती की बात कही गई थी । तात्कालीन शिक्षा मंत्री द्वारा विधानसभा के पटल में 33000 नियमित स्कूल शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की गई थी।
छत्तीसगढ़ में नवनिर्वाचित सरकार के 6 माह पूर्ण हो जाने के पश्चात भी नवीन शिक्षकों की भर्ती के विषय में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है। 26 जून 2024 से नई शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के बाद भी राज्य की कई शासकीय विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
छत्तीसगढ़ शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 के अंतर्गत म ई 2023 को विजापित रिक्त 57 72 पदों पर तथा रिक्त 1000 पदों को मिलाकर 6800 पदों में से केवल 4500 पदों पर चयन की प्रक्रिया पूर्ण हुई है। शेष रिक्त पदों पर चयन की प्रक्रिया को बिना कारण के रोक दिया गया है। नया शिक्षा सत्र आरंभ हो गया है जिससे शिक्षकों के अभाव की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अभ्यर्थी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं ।लेकिन उनको संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा रहा है इस तरह राज्य सरकार व्यापक लोकहिण की घोर उपेक्षा कर रही है। जशछत्तीसगढ़ के शिक्षित बेरोजगार युवाओं में भर्ती न होने से भविष्य को लेकर चिंता सता रही है।

पंचनामा रिपोर्ट के नाम पर मांगते हैं पैसे

विधायक ने 24 जुलाई को मेकाहारा एवं डीके अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु होने पर पंचनामा और पीएम रिपोर्ट के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली का विषय उठाया था। विधायक ने कहा था कि मृतकों के परिजनों द्वारा पैसे नहीं देने पर उन पर दबाव बनाकर रिपोर्ट रोकने बिगाड़ने तथा बीमा क्लेम की राशि को डुबो देने की धमकी दी जाती है।

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