नई दिल्ली । घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी खत्म होने का असर दिखने लगा है। पिछले कुछ माह में घरेलू गैस सिलेंडर की मांग पर असर पड़ा है। घरेलू गैस सिलेंडर की मांग धीमी हुई है। वहीं, गैर घरेलू गैस सिलेंडर की मांग बढ़ी है। जानकार मानते हैं कि सब्सिडी खत्म होने की वजह से घरेलू सिलेंडर की मांग कमजोर पड़ी है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सब्सिडी खत्म होने से घरेलू गैस सिलेंडर की मांग पर असर पड़ा है। एलपीजी उपभोक्ता को सब्सिडी पर एक साल में एक दर्जन सिलेंडर मिलते थे, जबकि उसका खर्च कम था। ऐसे में गैस सिलेंडर की कालाबाजारी को बल मिलता था। क्योंकि सब्सिडी और गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमत में फर्क था। सब्सिडी खत्म होने के बाद सिलेंडर की कीमत में फर्क खत्म हो गया। इससे गैर सब्सिडी सिलेंडर की मांग बढ़ गई। पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ के मुताबिक अगस्त माह में वाणिज्यिक सिलेंडर की मांग पिछले साल के मुकाबले 43 फीसदी कम थी, जो नवंबर में वर्ष 2019 के मुकाबले सिर्फ 15 फीसदी कम रह गई। घरेलू गैस सिलेंडर की मांग पिछले साल के मुकाबले नवंबर में बढ़ी है। क्योंकि इस अवधि में 60 लाख से अधिक नए गैस कनेक्शन और 44 लाख उपभोक्ताओं को दूसरा सिलेंडर आवंटित किया गया। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त तक घरेलू गैस सिलेंडर की मांग में 14.6 फीसदी का इजाफा हुआ था। जबकि अप्रैल से नवंबर तक यह वृद्धि घटकर 11.4 प्रतिशत रह गई। जबकि सर्दियों के दौरान गैस की मांग आम दिनों के मुकाबले अधिक रहती है। क्षेत्र से जुड़े जानकारों का कहना है कि घरेलू गैस सिलेंडर की मांग कई शहरों में 20 फीसदी तक कम हुई है। इस मांग को काफी हद तक वाणिज्यिक सिलेंडर ने पूरा किया है। क्योंकि वाणिज्यिक सिलेंडर ब्लैक में सिलेंडर के मुकाबले सस्ता है। इसलिए, ज्यादा कीमत देकर गैस सिलेंडर खरीदने के बजाय वाणिज्यिक सिलेंडर को तरजीह दे रहे हैं।
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