



किशोर होते बच्चों का ध्यान रखते समय आपको विशेष सावधानियां बरतनी चाहिये। इसका कारण है कि अब आपका बच्चा बड़ा हो रहा है और अपने तरीके से रहना चाह रहा है। ऐसे में उसे सही और गलत की पहचाना कराने की जिम्मेदारी आपके पास है पर कई बार देखा गया है कि बचपन में समझदार और सुलझा हुआ हमारा बच्चा किशोर उम्र का होते-होते इतना अजीबो-गरीब व्यवहार करने लगता है।
आप कई बार सबकुछ संभालने की कोशिश करते हैं पर हालात आपके मुताबिक सुधर नहीं पाते। किशोर होते की उम्र में आपका बच्चा खुद को आजाद समझने लगता है। इस उम्र में बच्चे अपने खुद के निर्णय लेना चाहते हैं।
आपको अगर अपने बच्चे के साथ बेहतर रिश्ता बनाना है तो आपको अपने बच्चे को ठीक से समझना होगा। उनकी भावनाओं को आपको ध्यान में रखना होगा। आपका बच्चा इस उम्र में खुद पर निर्भर होना चाहता है। ऐसे में आपको भी अपने बच्चे को थोड़ा समय देना चाहिए।
बच्चों में अचानक आए बदलाव पर ऐसे नजर रखें
इस उम्र में अक्सर ऐसा होता है कि बच्चे आपकी कोई भी सलाह नहीं लेना चाहते। ये बुरा जरूर लगता है पर इस वक्त आपको बड़ी समझदारी दिखानी होगी। अपने बच्चे को वक्त दें जब तक वो सही रास्ते पर है। अगर आपको लगे कि आपका बच्चा किसी गलत दिशा में जा रहा है तो तुरंत उसे सामने बिठाकर बात करिए।
इस उम्र में बच्चे अपने खाने-पीने, कपड़े, दोस्तों से लेकर सोने का समय तक स्वयं तय करना चाहते है। ऐसे समय में अपने बच्चे को कुछ बातों के निर्णय खुद लेने दे। कुछ बातों पर उन्हें प्यार से समझाएं कि फैसले लेने में आपका साथ कितना जरूरी है।
आपका बच्चा गलत आदतों का शिकार भी हो सकता है। उसे शराब, सिगरेट जैसी गलत आदत की लत भी लग सकती है। तो ऐसे में जरूरी है कि आप उन्हें आजादी तो दे पर मर्यादा के अंदर। बाहर घूमने, देर रात घर आने जैसी बातों पर एक कड़ा नियम जरूर बनाएं। उसे अपनी जिंदगी में आजादी तो दे पर अपनी पूरी देख-रेख में।
इस उम्र में अक्सर आपका और आपके बच्चे का विचार एक जैसा नहीं होता। तो ऐसे में जरूरी है कि आप उन्हें किसी बात के लिए गलत तरीके से जबरदस्ती न करें।ध्यान से उनकी बात सुनें और उन्हें दोनों पहलुओं पर सोचने को कहें। उन्हें समझाने की कोशिश करें कि आप क्यों सही है और वो क्यों गलत। यह बात ध्यान रखें कि वे अब छोटे बच्चे नहीं है जिन पर आप अपनी मर्जी थोप सकें। उन्हें केवल तार्किक और भावनात्मक लगाव के साथ ही आप अपनी बातें समझा सकते हैं।
मां-बाप बच्चे के सबसे पहले टीचर होते हैं। अगर आपका बच्चा गलत भी है तो भी आप उसे गुस्से में आकर नजरअंदाज न करें। उन पर अपनी नजर हमेशा बनाएं रखे। ऐसा करने से आप अपने बच्चे पर नजर भी बनाए रखेंगे और आपका रिश्ता भी खराब नहीं होगा।



9 comments
cheap tadalafil 10mg oral cialis 40mg buy generic ed pills over the counter
buy accutane 40mg sale buy isotretinoin 20mg buy azithromycin pills for sale
order generic azithromycin 500mg azipro 500mg usa buy neurontin 600mg pill
furosemide 40mg sale lasix over the counter ventolin 4mg inhaler
buy generic vardenafil for sale levitra 20mg brand purchase hydroxychloroquine generic
order altace generic how to get ramipril without a prescription arcoxia pill
buy vardenafil 20mg sale buy vardenafil sale hydroxychloroquine 200mg cost
asacol pill avapro generic buy avapro sale
buy generic olmesartan order olmesartan 10mg online divalproex 250mg us