ब्रिसबेन । शुभमन गिल 91 , ऋषभ पंत 89 और चेतेश्वर पुजारा 56 की शानदार पारियों की सहायता से टीम इंडिया ने मेजबान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को चौथे और अंतिम टेस्ट में तीन विकेट से हराकर इतिहास रच दिया है। यह भारतीय टीम की गाबा के मैदान पर पहली जीत है। इसी के साथ ही भारतीय टीम ने 2-1 से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भी अपने नाम कर ली है। इस मैच में जीत के लिए भारतीय टीम को 328 रनों का लक्ष्य मिला था जो उसने 97 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 329 रन बनाकर हासिल कर लिया। यह पहली बार है जब गाबा के मैदान पर किसी टीम ने चौथी पारी में 300 रनों से अधिक का लक्ष्य हासिल किया है। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया से मिले 328 रन के लक्ष्य के जवाब में टीम इंडिया ने चौथे दिन विना किसी नुकसान के चार रन बना लिए थे। इस प्रकार उसे पांचवे दिन जीत के लिए 324 रनों की जरुरत थी। लक्ष्य का पीछा करते हुए अंतिम दिन भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा सात रन बनाकर ही पेवेलियन लौट गये। उसके बाद शुभमन ने 91 और पुजार ने 56 रन बनाकर भारतीय टीम की उम्मीदों को बरकरार रखा। कप्तान आजिंक्य रहाणे 26 रन बना कर पेवेलियन लौटे पर ऋषभ ने एक छोर संभाले रखा। ऋषभ 89 रन बनाकर नाबाद रहे और टीम को जीत दिलाकर ही मैदान से बाहर आये। वाशिंगटन सुंदर ने 22 रन बनाकर ऋषभ का अच्छा साथ दिया। वहीं नवदीप सैनी शून्य पर ही नाबाद रहे।
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 369 रन बनाए थे जबकि भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 336 रन बनाए। दूसरी पारी में भारतीय गेंदबाजों मोहम्मद सिराज ने पांच और शार्दुल ठाकुल ने चार विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को दूसरी पारी में 294 रनों पर समेट कर भारत की जीत की उम्मीदें बनाये रखीं। जिसे अंतिम दिन बल्लेबाजों ने पूरा कर दिया।
पहली पारी में अच्छी बल्लेबाजी करने वाले शार्दुल ठाकुर दूसरी पारी में केवल 2 ही रन बना पाए लेकिन सुंदर ने छोटी पर शानदार पारी खेलते हुए 29 गेंदों पर 2 चौके और एक छक्के की मदद से 22 रन बनाकर ऋषभ का अच्छा साथ निभाया।
मयंक अग्रवाल एक बार फिर नाकाम साबित हुए और केवल 9 रन बनाकर पेवेलियन लौट गये।
पुजारा कमिंस की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए। उन्होंने 211 गेंदों खेलते हुए 7 चौके लगाकर 56 रन बनाए।
कप्तान रहाणे भी बड़ी पारी नहीं खेल पाए और एक चौके और एक छक्के की मदद से मात्र 24 रन ही बना पाए। वह पेट कमिंस की गेंद पर टिम पेन के हाथों कैच आउट होकर पवेलियन लौटे। इसके बाद भी बल्लेबाजों ने हौंसला बनाये रखा।
पुजारा और शुभमन ने दूसरे विकेट के लिए 114 रन की साझेदारी करते हुए टीम को मजबूती प्रदान की। जब जोड़ी 132 रन पर टूट गई और गिल नाथन लियोन की गेंद पर स्टीव स्मिथ के हाथों कैच आउट हो गए। गिल भले ही शतक से नहीं बना पाये पर उन्होंने 146 गेंदों पर 8 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 91 रन की शानदार पारी खेली।
इससे पहले चौथे दिन सिराज और शर्दुल ने शानदार गेंदबाजी की। सिराज ने पांचवां विकेट लेते हुए हेजलवुड को अपना शिकार बनाते हुए उन्हें शार्दुल के हाथों कैच आउट करवाया। हेजलवुड ने 11 गेंदों पर 9 रन बनाए। वहीं कमिंस 28 रन बनाकर नाबाद वापस लौटे। सिराज ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन दिखाते हुए चौथा विकेट मिशेल स्टार्क का लिया। उन्होंने स्टार्क को मात्र एक रन पर नवदीप सैनी के हाथों कैच आउट करवाया। इसके बाद शर्दुल ने भारतीय टीम को दो विकेट दिलाये। पहले 61वें ओवर की पांचवीं गेंद पर उन्होंने केमरुन ग्रीन को रोहित शर्मा के हाथों आउट करवाया और फिर कप्तान टिम पेन को पवेलियन भेजा। ग्रीन ने 90 गेंदों पर 37 और पेन ने 37 गेंदों पर 27 रन बनाए। दोनों बल्लेबाजों ने अपनी पारी के दौरान 3-3 चौके लगाए।
स्मिथ ने शानदार अर्धशतकीय पारी (55) खेली लेकिन इसे शतक में बदलने में नाकाम रहे। स्मिथ को सिराज ने रहाणे के हाथों कैच आउट करवाकर महत्वपूर्ण विकेट अपने नाम किया। दूसरी पारी में ये सिराज का तीसरा महत्वपूर्ण विकेट था।
जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी 123 पर खेल रहे थे तो मोहम्मद सिराज ने 31वें ओवर में उन्हें 2 झटके लिए। पहले सिराज ने लाबुशेन को रोहित शर्मा के हाथों आउट करवाया। इसके बाद इसी ओवर की अंतिम गेंद पर मैथ्यू वेड को पंत के हाथों कैच आउट करवाकर पवेलियन का रास्ता दिखाया। लाबुशेन 22 गेंदों पर 5 चौकों की मदद से 25 रन जबकि वेड बिना खाता खोले ही वापस लौट गए।
हैरिस के आउट होने के बाद टीम के मात्र 2 ही रन बने थे कि ओपनर वार्नर भी पवेलियन लौट गए। वह वाशिंगटन सुंदर की गेंद पर एलबीडब्ल्यू होने के कारण अर्धशतक (48) से रह गए।
ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी की शुरूआत शानदार तरह से की और पहले विकेट के लिए डेविड वार्नर और मार्कस हैरिस के बीच 89 रन की साझेदारी हुई। हैरिस ने 82 गेंदों पर 8 चौकों की मदद से 38 रन बनाए।